जयस: आदिवासी समाज में लव जिहाद: गंभीर चिंता- राजू सोलंकी, प्रदेशाध्यक्ष

जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के प्रदेशाध्यक्ष राजू एम. सोलंकी ने आदिवासी समाज में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को गंभीर चिंता का विषय बताया है। उनका कहना है कि आदिवासी बहन-बेटियों को निशाना बनाकर नाम बदलने, बहलाने-फुसलाने, गरीबी का फायदा उठाने और लालच देकर लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है।
आदिवासी समाज की बहन-बेटियों को बचाने की अपील
राजू सोलंकी ने कहा कि आज समाज में कई लोग इस विषय पर इसलिए चुप रहते हैं क्योंकि मामला उनके घर से जुड़ा नहीं होता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बेटियों को पढ़ाई के लिए शहर भेजा गया है, तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सही जगहों पर पढ़ाई कर रही हैं। केवल पैसे देकर माता-पिता अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकते; बेटियों को नैतिकता, धर्म-संस्कृति और अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता है।
माता-पिता के संघर्ष को पहचानें
सोलंकी ने कहा कि माता-पिता अपनी बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष करते हैं। वे खुद भूखे-प्यासे रहकर, मजदूरी करके, बेटियों को प्रतिष्ठित स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाते हैं ताकि वे डॉक्टर, इंजीनियर, कलेक्टर या किसी बड़े पद पर पहुंच सकें। उन्होंने बेटियों से अपील की कि वे माता-पिता के बलिदानों को न भूलें और खुद को ऐसे खतरों से बचाएं।
लव जिहाद के तरीकों और सतर्कता पर जोर
राजू सोलंकी ने लव जिहाद के बढ़ते तरीकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जेहादी तत्व बैंक कियोस्क में लड़कियों से कमीशन नहीं लेते या दुकानों पर ज्यादा छूट और मुफ्त सामान का लालच देकर उन्हें जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जो नाम और विवरण छिपाते हैं और उनसे सतर्क रहना चाहिए।
साहस और जागरूकता की आवश्यकता
राजू सोलंकी ने बहनों से अपील की कि अगर कोई उन्हें परेशान करे, तो उसका डटकर सामना करें और तुरंत परिवार व समाज को बताएं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पूरा आदिवासी समाज उनके साथ खड़ा है।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093