सामाजिक/धार्मिक

झाबुआ: ज़रूरतमंद परिवारों में जलाए खुशियों के दीप — इनर व्हील क्लब झाबुआ की महिलाओं का ‘नेकी की एक्टिवा’ प्रोजेक्ट संपन्न!

समाज सेवा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय इनर व्हील क्लब झाबुआ की महिलाओं ने इस बार भी दीपावली के अवसर पर अपने अनूठे प्रोजेक्ट “नेकी की एक्टिवा” के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी।

गुरुवार शाम 4:30 बजे गोपाल कॉलोनी क्षेत्र में क्लब की संस्थापक अध्यक्ष शैलू बाबेल के नेतृत्व में सदस्याओं ने बड़ी संख्या में अपने अपने स्कूटर (नेकी की एक्टिवा) से लाकर उपयोगी सामग्री — जैसे कपड़े, स्वेटर, बच्चों के परिधान, खिलौने, दीपक, मिठाई और अन्य घरेलू आवश्यक वस्तुएं — जरूरतमंद परिवारों को भेंट कीं।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सरल किंतु अत्यंत प्रेरणादायी है — “ऐसा सामान जो अब हमारे लिए उपयोग का नहीं, पर किसी और के जीवन में उपयोगी बन सके” इस विचार को आत्मसात करते हुए महिलाएं अपने घरों से अच्छी स्थिति वाले कपड़े और वस्तुएं संकलित करती हैं और उन्हें सम्मानपूर्वक जरूरतमंदों तक पहुँचाती हैं।

इस वर्ष कार्यक्रम में दीपक वितरण भी विशेष रूप से किया गया, जिसका उद्देश्य था — “वोकल फॉर लोकल”, अर्थात् भारतीय उत्पादों से ही अपनी दीपावली को रोशन करना। इस पहल के माध्यम से क्लब ने न केवल जरूरतमंदों की सहायता की बल्कि स्वदेशी भावना को भी प्रबल किया

पिछले आठ वर्षों से यह “नेकी की एक्टिवा” प्रोजेक्ट क्लब का निरंतर वार्षिक प्रोजेक्ट रहा है, जिसे हर बार नवरात्रि और दीपावली के आसपास पूरे उत्साह से मनाया जाता है। नगर में यह अभियान अब एक प्रतीक बन चुका है — जहाँ हर वर्ष दर्जनों परिवार बेसब्री से इनर व्हील क्लब की महिलाओं का इंतज़ार करते हैं।

इन महिलाओं द्वारा दी जाने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता और उपयोगी होती है साथ ही हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ। यही कारण है कि उनके द्वारा बाँटी गई चीज़ें सिर्फ एक दिन की खुशी नहीं, बल्कि सालों साल चलने वाली उपयोगिता और अपनापन लेकर आती हैं।

हाल ही में क्लब ने अपने ‘डिस्ट्रिक्ट रैली’ का आयोजन भी शानदार रूप से संपन्न किया था, जिसे इनर व्हील के इतिहास की सबसे भव्य आयोजनों में से एक माना गया। नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस आयोजन और क्लब के समाजसेवी कार्यों की सराहना की थी।

क्लब अध्यक्ष शैलू बाबेल और सचिव विधि जैन ने बताया कि,

“हमारा उद्देश्य केवल वस्त्र या सामग्री बाँटना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि यदि हम सब मिलकर थोड़ा-थोड़ा देने लगें तो किसी के घर का अंधेरा भी मिट सकता है। यही हमारी असली दिवाली है।”

उपस्थित सदस्य:

डॉ. शैलू बाबेल, शीतल जादौन, निक्की जैन, हंसा कोठारी, प्रीति चौधरी, श्रद्धा जैन, सोनम जैन, निधि रूनवाल, खुशबू रूनवाल, परी गादिया, डॉ. मुक्ता त्रिवेदी, रक्षा गादिया, मोना राठौड़, नेहा संघवी, आरती कटारिया आदि।

 

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