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जिनके हाथ-पैर सलामत है उन्हें ₹1000 और हम विकलंगों को ₹600

मुख्यमंत्री से मिलने गए विकलांगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

झाबुआ: शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विकलांगों के साथ भाजपा सरकार के दुर्व्यवहार का विरोध

भोपाल गए विकलांगों को पुलिस ने गाड़ियों में ठूसा, गिरफ्तार किया, नहीं निकालने दी रैली

भोपाल गिरफ्तारी वीडियो:

जिला विकलांग संगठन झाबुआ के अध्यक्ष राकेश मेड़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा विकलांगों को दिए जाने वाले महीने के मात्र ₹600 अनुदान को बड़ा कर ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से कम से कम ₹3000 किए जाने, साथ ही योग्यता के अनुसार विकलांगों को उचित सरकारी पदों पर नियुक्ति दिए जाने, एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राथमिकता दिए जाने की तीन सूत्री मांगों को लेकर कई वर्षों से प्रदेश भर के विकलांग संगठन संघर्षरत हैं।

झाबुआ विरोध प्रदर्शन वीडियो:

 

अपनी मांगों को लेकर 7 सितंबर को प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर विभिन्न जिलों से एक लाख से अधिक की संख्या में विकलांग भोपाल पहुंचे थे। मुख्यमंत्री से मिलने एवं अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से रखने के लिए वाहन रैली की अनुमति मांगी गई थी जो नहीं दी गई। गौरतलाब है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रख रहे विकलांगों को पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ा एवं कई सारे विकलांगों को पड़कर गाड़ियों में डाल दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। सरकार एवं पुलिस के सवैया से दिव्यांग जनों में खासी नाराजगी है, जिसके चलते विभिन्न जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहे हैं।
इसी तारतम्य में अंबेडकर पार्क झाबुआ में जिला बैठक का आयोजन किया गया।

उल्लेखनीय यह भी है कि लाडली बेहना योजना के अंतर्गत जहां भाजपा सरकार द्वारा हर महीने की 10 तारीख को बहनों के खाते में ₹1000 डाले जाते हैं वहीं दिव्यांग बहनों को इस योजना से बाहर रखा गया है, और मात्र ₹600 प्रतिमाह ही अनुदान के रूप में दिया जाता है।

हम विकलांग बहनें लाडली नहीं हैं क्या? वीडियो:

हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार पत्र Reg. MPHIN/38061

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