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झाबुआ वार्ड क्रमांक 7 कसाई वाड़ा क्षेत्र में बुजुर्ग दंपत्ति से मारपीट

जमीन पर गिरी पड़ी मां को देख अकेला बेटा हमलावरों से भिड़ा; 4-5 को अकेले ही खदेड़ा

रिपोर्ट – झाबुआ, वार्ड 7 (कसाईवाड़ा क्षेत्र), 15 नवंबर 2025, रात 8.15

सीसीटीवी फुटेज समाचार में संलग्न

15 नवंबर की रात करीब 8:15 बजे झाबुआ के वार्ड नंबर 7 स्थित कसाईवाड़ा क्षेत्र के नज़दीक एक 70 वर्ष से अधिक आयु वाले हिंदू बुजुर्ग दंपति के साथ मारपीट की मार्मिक घटना सामने आई।

बुजुर्ग दंपति ने अपने घर के बाहर अचानक तेज पटाखों के धमाकों की आवाज सुनी। घबराकर जब वे बाहर आए तो देखा कि कुछ कथित शरारती तत्व बिना किसी कारण के उनके घर के बाहर शोर-शराबा कर रहे थे और पटाखे फोड़ रहे थे।

स्थानीय लोगों के अनुसार कथित रूप से यह पीड़ित परिवार पहले से ही इस मोहल्ले में लगातार उत्पीड़न का शिकार होता रहा है। कभी उनकी टीनशेड पर पत्थर फेंके जाते, कभी उनके घर के बाहर रखा पानी बहा दिया जाता, और अक्सर छोटी-छोटी बातों पर उनसे विवाद किया जाता है।

कच्चा घर, तिरपाल और आग का खतरा —

कथित रूप से बुजुर्गों ने बस इतना कहा “पटाखे मत फोड़ो”: “हमारा घर कच्चा है, तिरपाल लगी है, चिंगारी से आग लग सकती है… पटाखे मत फोड़ो।”

पटाखे फोड़ने वाले युवक हिंदू समुदाय के नहीं थे।

बुजुर्ग दंपत्ति का बोलना हुआ और माहौल अचानक गर्म हो गया। कुछ ही मिनटों में 20-30 लोग घर के बाहर इकट्ठा हो गए।

कहासुनी हुई, गाली-गलौज शुरू हुई और धक्का-मुक्की ने मारपीट का रूप ले लिया।

बुजुर्ग महिला को गिराया, लाठी के सहारे चलने वाले प्रजापति ‘बाबूजी’ को भी नहीं छोड़ा। सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई देता है कि आरोपी घर के बाहर भीड़ बनाकर झगड़ा करने पहुंचे।

अकेला बेटा धर्मेंद्र, चार-पांच हमलावरों से भिड़ा और उन्हें घर से भगाया

जब धर्मेंद्र प्रजापति ने अपनी मां को जमीन पर गिरा देखा तो अकेले ही कई लोगों से भिड़ गया। धर्मेंद्र ने हमलावरों को अकेले ही घर के बाहर से खदेड़ा दिया।

सीसीटीवी फुटेज:

सूत्रों के अनुसार:

  • कथित रूप से पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी थी
  • यह सूचना नगर के विभिन्न धार्मिक संगठनों तक रात में ही पहुंच गई थी
  • रात भर घटना की चर्चा पूरे इलाके में होती रही, विषय धार्मिक रंग पकड़ सकता था
  • लगातार हो रहे उत्पीड़न के कारण बुजुर्ग दंपति व परिवार आतंकित है

यह अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जहां बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी के बीच थोड़े ही हिंदू परिवार रहते हैं। यहां ऐसी घटनाएं आम जनमानस को विचलित करने और साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम करती हैं। खबर प्रकाशित होने तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093

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