झाबुआ: अजीत सिंह राठौर ने निभाया वादा, झाबुआ की लोक कला को दिया राष्ट्रीय मंच
लोकगीत 'घुगरा' से उभरी नेहा गरवाल की आवाज़, मिली पहचान

झाबुआ। मुंबई में रहकर भी दिल से झाबुआ को जिये जा रहे अजीत सिंह राठौर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर इरादे बुलंद हों, तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता। उन्होंने अपनी म्यूजिक कंपनी एएसआर म्यूजिक रिकॉर्ड्स की शुरुआत इसी साल 17 मार्च को झाबुआ से की थी और वादा किया था कि स्थानीय कलाकारों को राष्ट्रीय मंच देंगे। अब इस वादे को निभाते हुए उन्होंने झाबुआ के ग्राम दूधी की प्रतिभाशाली गायिका नेहा गरवाल के आदिवासी विवाह गीत ‘घुगरा’ को अपने म्यूजिक लेबल से लॉन्च कर एक नई मिसाल कायम की है।
यह गीत पारंपरिक आदिवासी संस्कृति में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय विवाह गीत है, जिसे अजीत सिंह राठौर ने आधुनिक संगीत के साथ एक नई पहचान दी है। घुगरा गीत को 2 अगस्त को यूट्यूब, जिओ सावन, स्पॉटिफाई, एप्पल म्यूजिक जैसे प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ किया गया है। इसका वीडियो भी झाबुआ में ही फिल्माया गया है, जिसे स्थानीय कैमरामैन अभिषेक निनामा ने शूट किया।
दो बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके अजीत सिंह राठौर ने एक विशेष बातचीत में कहा, “हम सिर्फ संगीत नहीं बना रहे, हम झाबुआ की आत्मा को दुनिया तक पहुँचा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि यहां की लोक कला को वह पहचान मिले जिसकी वह हकदार है।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में और भी कई स्थानीय कलाकारों को मंच देने की योजना है, और कुछ नामों को सूचीबद्ध भी किया जा चुका है।
नेहा गरवाल, जो वर्तमान में झाबुआ पीजी कॉलेज से एमए इंग्लिश लिटरेचर की पढ़ाई कर रही हैं, ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब से संगीत सीखा। जब उन्होंने एएसआर म्यूजिक से संपर्क किया, तो अजीत राठौर ने उन्हें मौका दिया। नेहा ने कहा, “मैं गर्व महसूस कर रही हूँ कि अब झाबुआ के कलाकारों को अपनी पहचान बनाने का मंच मिल रहा है।”
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार