क्या आप पहचान सकते हैं झाबुआ के इस अप्रकाशित आदिवासी चेहरे को?
सामाजिक समरसता और सक्रियता से कौन गढ़ रहा अपनी अलग पहचान?
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आज के दौर में जब लोग राजनीति और सामाजिक कार्यों को अलग-अलग देखने लगे हैं, तब कुछ व्यक्तित्व इस सोच को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
उस दिन माहौल में कुछ अलग सा था। यह कोई आम दिन नहीं था। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शहर बंद करवाने का आह्वान किया गया था, लेकिन बिना किसी जोर-जबरदस्ती के, शांतिपूर्ण तरीके से। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में इस व्यक्ति की उपस्थिति हर गली, हर दुकान और हर व्यापारी तक सकारात्मक रूप से महसूस की गई।
समाज के हर वर्ग के लिए समर्पण
बीते कुछ वर्षों में 15 नवंबर, जब पूरा देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मना रहा होता था, इस दौरान झाबुआ में उत्कृष्ट स्कूल मैदान आदि स्थानों पर आयोजित विशाल आयोजनों की सफलता के लिए हर छोटी से छोटी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने वाला चेहरा। भीड़ की व्यवस्था से लेकर कार्यक्रम के हर चरण को सुचारू रूप से चलाने तक, इस व्यक्ति की उपस्थिति हर जगह महसूस की गई।
22 जनवरी को जब भगवान श्री रामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव मनाया जाना था, तब भी इसी व्यक्ति ने ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र से श्रद्धालुओं की संख्या सुनिश्चित करने और उत्कृष्ट प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई।
संत समाज की यात्राओं के स्वागत के लिए मंच की व्यवस्था से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने तक, हर छोटी से छोटी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया। इन आयोजनों में न केवल इसकी उपस्थिति रही, बल्कि यह व्यक्ति हर कार्य योजना का हिस्सा भी बना।
आंदोलन और सेवा का संगम
युवाओं के लिए तो यह व्यक्ति एक प्रेरणा का स्रोत है। “सोल्जर ग्रुप” के गठन के माध्यम से इसने सैकड़ों युवाओं को सेना और पुलिस जैसी सेवाओं के लिए तैयार किया है। सिर्फ शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि मानसिक ताकत और आत्मविश्वास भी इसने उनमें जगाया।
सस्पेंस का अंत
हर आयोजन में भीड़ के बीच घूमता यह व्यक्ति, हर किसी को प्रेरित कर रहा है। कभी मंच पर तो कभी पीछे रहकर हर व्यवस्था को संभालता है। लेकिन लोग इसे केवल एक सामान्य कार्यकर्ता मानते हैं।
इस पूरे लेख में जिस “अप्रकाशित चेहरे” की बात हो रही है, उसका नाम अंततः अब सामने आता है। यह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि उदय बिलवाल है। आज हर वह व्यक्ति जो झाबुआ के विकास और समाज के उत्थान के लिए प्रयासरत है कहीं ना कहीं हर आयाम पर उदय बिलवाल की मौजूदगी से अछूता नहीं है।
हमारी “व्यक्ति विशेष परिचय श्रृंखला” में उदय बिलवाल ने अपना स्थान ‘अर्जित’ किया है।
लेख
हिमांशु त्रिवेदी, प्रधान संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093