झबुआ: संघ, संस्कार और समाजसेवा की त्रिवेणी सीए राकेश भावसार बने HAL के निदेशक – एक प्रेरक मिसाल

झाबुआ
जनजातीय अंचल की मिट्टी से निखरी एक सशक्त प्रतिभा ने आज देश की रक्षा संरचना में निर्णायक भूमिका निभाने का गौरव प्राप्त किया है। यह सम्मान प्राप्त हुआ है सीए राकेश भावसार को, जिन्हें भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत प्रतिष्ठित संस्था हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है।
यह नियुक्ति न केवल मालवा-निमाड़ और झाबुआ-अलीराजपुर जैसे वनवासी अंचलों के लिए गौरव का विषय है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में रहते हुए भी असीम क्षितिज को छूने का सपना देखते हैं।
गांव की मिट्टी से उठकर राष्ट्रीय विमानन संस्था तक का सफर
शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, झाबुआ से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले राकेश भावसार ने शहीद चंद्रशेखर आज़ाद महाविद्यालय से गणित विषय में स्नातक किया और फिर इंदौर में चार्टर्ड अकाउंटेंसी की शिक्षा लेकर अपनी प्रतिभा को निखारा। वे बचपन से ही शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे तथा एनसीसी के भी नियमित कैडेट रहे।
संघ, संस्कार और समाजसेवा की त्रिवेणी
संघ से प्रेरणा लेते हुए, राकेश जी ने शिक्षा, संस्कृति और सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाया। वे विद्या भारती मालवा प्रांत के कोषाध्यक्ष, अवंतिका प्रकाशन न्यास के कोषाध्यक्ष तथा देश की अग्रणी बाल पत्रिका देवपुत्र के प्रकाशक संगठन सरस्वती बाल कल्याण न्यास के प्रबंध न्यासी के रूप में कार्यरत हैं।
राष्ट्रीय रक्षा क्षेत्र में जनजातीय अंचल की भागीदारी
एचएएल जैसे रक्षा उत्पादन उपक्रम में निदेशक बनना किसी महान उपलब्धि से कम नहीं है। यह संस्था तेजस, ध्रुव हेलीकॉप्टर, पीएसएलवी, जीएसएलवी जैसे अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस संस्था में जनजातीय पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति की भागीदारी, भारत की समावेशी विकास यात्रा को सशक्त करती है।
एक विरासत, एक प्रेरणा, एक सामाजिक संदेश
राकेश जी, लोकतंत्र सेनानी स्व. योगेंद्र भावसार के सुपुत्र हैं। उन्होंने न केवल अपने पिता की सेवा भावना को जीवित रखा, बल्कि आधुनिक भारत के निर्माण में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित की। उनका चयन, समर्पण, साधना और सतत प्रयासों की स्वीकृति है।
हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093