सामाजिक/धार्मिक

डॉक्टरेट से सम्मानित हुए श्रीमती अन्नू भाभोर और श्री जयेंद्र वैरागी — सामाजिक सेवा, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक जागरण में अद्वितीय योगदान

मुंबई/पालघर

सामाजिक सेवा, महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण और सांस्कृतिक गतिविधियों में अभूतपूर्व योगदान के लिए झाबुआ जिले के दो प्रख्यात समाजसेवियों — श्रीमती अन्नू भाभोर और श्री जयेंद्र वैरागी — को Global Nation Open University द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि (Honorary Doctorate) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।

श्रीमती अन्नू भाभोर: महिलाओं और बच्चों के हक की बुलंद आवाज

मुंबई के वसई स्थित होटल रुद्र शेल्टर में आयोजित भव्य समारोह में जब मंच से श्रीमती अन्नू भाभोर को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई, तो सभागार तालियों की गूंज से भर उठा। उन्हें यह सम्मान उनके निरंतर सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, बाल सुरक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया।

‘नारी जागृति मंच’, ‘बाल संरक्षण समिति’ और ‘स्वावलंबन प्रकल्प’ जैसे अभियानों के माध्यम से उन्होंने हजारों जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाई। उनका कार्य केवल सेवा तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने नीति निर्माण, विधिक सुधार, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शोध व व्याख्यान के माध्यम से भी समाज को दिशा दी है।

सम्मान ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा:

> “यह उपाधि मेरे संघर्षों और सेवाभाव की स्वीकृति है। मैं यह सम्मान उन सभी महिलाओं और बच्चों को समर्पित करती हूं, जिनके हक के लिए मैंने आवाज़ उठाई है।”

उनके इन शब्दों ने सभा को भावविभोर कर दिया।

श्री जयेंद्र वैरागी: संस्कृति, रंगमंच और सामाजिक समर्पण के प्रतीक

पालघर (मुंबई) में आयोजित इसी समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी, रंगकर्मी और श्रेष्ठ संचालक श्री जयेंद्र वैरागी को भी मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। वे झाबुआ क्षेत्र की कई सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से वर्षों से जुड़े हुए हैं और समाज के हर वर्ग के लिए सतत सक्रिय हैं।

रंगमंच, शिक्षा, सामाजिक चेतना और वृद्धजन सेवा जैसे क्षेत्रों में उनके योगदान को न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि प्रदेश भर में सराहना मिली है। उनकी वाणी में ओज है, संचालन में गरिमा है, और सेवा में निष्ठा है।

उन्हें सम्मानित करते हुए यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री गोपाल कृष्ण मिश्रा और अन्य पदाधिकारियों ने उनके सांस्कृतिक योगदान को “राष्ट्रीय धरोहर” बताया।

सम्मान मिलते ही झाबुआ जिले की विभिन्न संस्थाओं, संगठनों और गणमान्य नागरिकों ने उन्हें बधाइयाँ दीं। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स एसोसिएशन, सामाजिक महासंघ, आजाद साहित्य परिषद, वैरागी समाज, और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस गौरवपूर्ण क्षण पर उत्सव सा माहौल बना दिया।

समाज सेवा का यशस्वी युग

श्रीमती अन्नू भाभोर और श्री जयेंद्र वैरागी, दोनों ही व्यक्तित्व समाजसेवा के उस उज्ज्वल पथ के पथिक हैं, जहाँ स्वार्थ का नहीं, सेवा का आलोक होता है। एक ओर जहां श्रीमती अन्नू भाभोर महिलाओं और बच्चों की आवाज़ बनी हैं, वहीं श्री जयेंद्र वैरागी समाज के सांस्कृतिक चेतना का दीपक हैं।

इन दोनों विभूतियों को मिली डॉक्टरेट उपाधि न केवल उनके कार्यों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्तंभ भी है।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093

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