महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सेवा भारती झाबुआ की नई पहल: ब्यूटी पार्लर एवं मेहंदी डिप्लोमा कोर्स का शुभारंभ

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और प्रेरणादायक कदम बढ़ाते हुए सेवा भारती झाबुआ ने महिलाओं के लिए त्रैमासिक ब्यूटी पार्लर एवं मेहंदी डिप्लोमा कोर्स का भव्य शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम महिलाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने वाला प्रयास है, जो सामाजिक जागरूकता एवं कौशल विकास के माध्यम से उन्हें एक सशक्त भविष्य की ओर ले जाएगा।
रविवार सुबह 9 बजे प्रारंभ हुए इस आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. चारु दवे एवं सेवा भारती जिला समिति अध्यक्ष श्री हरिओम पाटीदार की गरिमामयी उपस्थिति रही। मां सरस्वती की पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसके बाद बबलू संगीत एवं कला संस्था के शुभम शाह एवं नेहा गरवाल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं सामूहिक गायत्री मंत्र ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
संस्था की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी कोषाध्यक्ष श्री राजेश मेहता ने दी। प्रशिक्षक ओम श्री सेंगर एवं सीता भूरिया ने सिलाई एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण की जानकारी साझा की, जबकि शालिनी सोनी ने ब्यूटी पार्लर कोर्स की रूपरेखा विस्तार से प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक क्षण वह था जब संस्था द्वारा प्रशिक्षित 10 स्वावलंबी बहनों की सफलता की कहानियां साझा की गईं। इन बहनों ने सेवा भारती केंद्र से सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने रोजगार की शुरुआत की और आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की। इनमें से कई बहनों ने अपनी मेहनत से स्वयं की सिलाई मशीनें तक खरीद ली हैं। मुख्य अतिथियों के कर-कमलों से उन्हें प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
महिला प्रमुख श्रीमती भारती सोनी द्वारा महिला समिति की घोषणा की गई। साथ ही सविता गुप्ता, मधु व्यास एवं अनिता जी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर कृतज्ञता व्यक्त की। समापन के अवसर पर शारदा कुमावत के साथ सामूहिक वंदे मातरम् गायन ने देशभक्ति की भावना से सभी को ओत-प्रोत कर दिया।
इस शुभारंभ कार्यक्रम में 50 प्रशिक्षणार्थी बहनों की भागीदारी रही। कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी भी श्रीमती भारती सोनी ने कुशलतापूर्वक निभाई।
इस आयोजन में संकल्प ग्रुप की ज्योति त्रिवेदी, सविता गुप्ता, मधु व्यास, प्रेमलता जी, श्यामल जी सहित सेवा भारती के अमृत जी, रामसिंह जी, चंदन जी, वीरेंद्र जी एवं अन्य सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
यह पहल निश्चित रूप से झाबुआ की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार