महिला-बच्चों से भरी बस पर बरसाए लट्ठ – जंगल में चीखते रहे मासूम, गुंडे मारते रहे बस पर लाठियां

झाबुआ
रतलाम से कुक्षी के बीच चलने वाली प्रदीप बस पर गंभीर हमला हुआ। घटना पेटलावद क्षेत्र के पास घटी, जब लट्ठधारी गुंडों ने अचानक बस को घेरकर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया। बस में सवार महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग चीखते-चिल्लाते रहे—”बचाओ, बचाओ!”—लेकिन हमलावरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
यह पूरा घटनाक्रम दो बस मालिकों के बीच लंबे समय से चल रही प्रतिस्पर्धा और ड्राइवर-कंडक्टरों की दादागिरी का नतीजा बताया जा रहा है। प्रदीप बस कुक्षी से रतलाम की ओर जाती है, वहीं दूसरी बस—मां शक्ति पंचोली बस—अलीराजपुर से नीमच तक चलती है। बताया जा रहा है कि मंदसौर-नीमच की सवारियों को रतलाम बस में गलत तारीक से बैठकर और समय सारिणी का पालन नहीं करने को लेकर विवाद अक्सर होता था, लेकिन अब यह विवाद एक खूनी हमले में बदल गया।
बस में लगभग सभी सीटें भरी थीं और अधिकतर यात्री महिलाएं और बच्चे थे। लट्ठ बरसाते इन गुंडों ने न केवल ड्राइवर-कंडक्टर पर हमला किया, बल्कि कथित रूप से यात्रियों को भी बेरहमी से पीटा। टूटे कांच के टुकड़े उड़-उड़ कर यात्रियों को लगे। महिलाओं ने अपने बच्चों को अपने पीछे छुपा लिया, बुजुर्ग दहशत में आ गए, लेकिन हमलावरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह मालूम होने के बाद भी के आजकल हर घटना का वीडियो लोग बना लेते हैं, फिर भी उन्होंने खुलेआम हमला किया—जाहिर है, उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं।
वारदात का वीडियो:
एफआईआर तो दर्ज हो गई लेकिन यह घटना बताती है कि अपराधियों में कानून और पुलिस का डर खत्म हो रहा है।
अब सवाल ये है कि:
- क्या सवारी करना अब जान जोखिम में डालने के बराबर है?
- क्या बस ऑपरेटरों की यह माफियागिरी खुलेआम चलती रहेगी?
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093