अवैध रेत परिवहन पर जयस और आदिवासी समाज का विरोध, जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
झाबुआ: जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) और संपूर्ण आदिवासी समाज ने झाबुआ जिले में अवैध रेत परिवहन पर रोक लगाने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में नायब तहसीलदार और खनिज अधिकारी शंकर कनेश से आग्रह किया गया कि जिले में रेत माफियाओं द्वारा बिना रॉयल्टी और ओवरलोड ट्रकों व डंपरों के माध्यम से अवैध रेत परिवहन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्य आरोप और मुद्दे
नियमों का उल्लंघन: यह अवैध गतिविधि मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम 1996 और मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण और व्यापार) नियम 2019 का खुला उल्लंघन है।सुप्रीम कोर्ट के ओवरलोडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध का भी उल्लंघन हो रहा है।
राजस्व का नुकसान: अवैध रेत परिवहन के कारण सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।
धमकियां और साठगांठ:कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि रेत माफिया कार्रवाई रोकने पर धमकियां देते हैं। खनिज अधिकारियों पर माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगाए गए।
पहले की शिकायतें और निष्क्रियता
ज्ञापन में बताया गया कि इस मामले की शिकायतें एक महीने पहले तहसीलदार को और 14 नवंबर 2024 को झाबुआ एसडीएम को दी गई थीं। इसके अलावा जिला खनिज अधिकारी को कई बार सूचना देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
ज्ञापन में प्रमुख मांगें
1. अवैध रेत परिवहन में लिप्त रेत माफियाओं और उनके संरक्षकों पर कानूनी कार्रवाई हो।
2. खनिज अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
प्रतिनिधि और संगठन
इस ज्ञापन को सौंपने में जयस के जिला अध्यक्ष विजय डामोर, भील सेना प्रभारी गब्बर वास्केल, सर्व आदिवासी समाज के विनय भाबर, छात्र नेता निलेश गणावा, आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कमलेश सिंगार समेत कई संगठनों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करें।
हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093