सामाजिक/धार्मिक

फटे वस्त्रों में बेसहारा गर्भवती महिला का सहारा बनीं मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी: हिंदू संगठन का मानवीय चेहरा

झाबुआ जिले के पेटलावद की सड़कों पर शुक्रवार का दिन एक विचलित कर देने वाला दृश्य लेकर आया। एक महिला अर्धनग्न अवस्था में और गर्भवती हालत में इधर-उधर भटक रही थी जिसे देखकर हर कोई हैरान था। महिला की मानसिक स्थिति भी सामान्य नहीं लग रही थी, और उसकी हालत से यह भी संभावना जताई जा रही थी कि वह किसी अनैतिक व्यक्ति की दरिंदगी का शिकार हुई हो।

दुर्गा वाहिनी, जो हिंदू धर्म की महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से गठित संगठन है, की जिला संयोजिका संगीता त्रिवेदी और उनकी टीम को जब इस घटना की सूचना मिली, तो वे तुरंत सक्रिय हो गईं।

टीम उस महिला तक पहुंची जो भूख, थकान और मानसिक अस्थिरता से जूझ रही थी। महिला को कपड़े पहनाए गए और तुरंत भोजन कराया गया। इस दौरान टीम ने महिला से संवाद स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति इतनी खराब लग रही थी कि वह ठीक से अपनी स्थिति भी नहीं बता पा रही थी।

संस्था की संयोजिका संगीता त्रिवेदी ने बताया कि इस घटना ने उनकी टीम को झकझोर कर रख दिया। “यह बहुत संभव है कि यह महिला किसी अमानवीय शोषण का शिकार हुई हो। हमने तुरंत प्रशासन, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सूचित किया है, ताकि इस महिला को उचित चिकित्सा और कानूनी सहायता मिल सके।”

दुर्गा वाहिनी की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि महिला को सुरक्षा और सहारा मिले। फिलहाल महिला उनकी देखरेख में है, और संस्था प्रशासन के साथ मिलकर उसकी स्थिति सुधारने के लिए प्रयासरत है।

यह घटना सिर्फ मदद की नहीं, बल्कि इस बात की मिसाल है कि ऐसे हिंदू संगठन न केवल महिला सशक्तिकरण का कार्य करते हैं, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में जरूरतमंदों के लिए उम्मीद का सहारा भी बनते हैं।

हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87993

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