झाबुआ पुलिस टी.आई. रमेश भास्कारे-प्रशस्ति परिचय
युवा पीढ़ी के आदर्श एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी जब ड्रीम 11 जैसे प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करेंगे तो युवाओं में सट्टे एवं जुएं की प्रवृत्ति बढ़ना निश्चित है। इससे साफ है कि आज जिस वैधानिक रूप से अवैध जुएं सट्टे को समाज में नकारात्मक दृष्टि देखा जाता है, कल इसे लीगलाइज(वैध) करने की मांग उठने लगे।
मोबाइल टेक्नोलॉजी का बढ़ता उपयोग सट्टा खेलने और खिलाने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
यदि इतने अनुकूल वातावरण में भी बहुत हद तक झाबुआ नगर में पुलिस जुएं सट्टे पर लगाम लगाने में कामयाब हुई है तो इसका बहुत बड़ा श्रेय नगरीय क्षेत्र के जिम्मेदार टीआई को जाता है।
वर्तमान टीआई रमेश भास्कारे की झाबुआ थाना कोतवाली में यह दूसरी पोस्टिंग है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल के नेतृत्व में अंध कत्लों के पर्दाफाश करने से लेकर चोरी की गंभीर वारदातों का खुलासा टी आई भास्करे के कार्यकाल में त्वरित रूप से हुआ है।
समाज के विभिन्न वर्गों एवं विभिन्न सामाजिक इकाइयों के साथ पुलिस का समन्वय अब तक के सबसे उच्च शिखर पर है। महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई समितियां एवं ग्रुप प्रभावशाली ढंग से काम कर रहे हैं। ऐसे विभिन्न प्रकल्पों के क्रियान्वयन में टीआई झाबुआ की महती भूमिका देखी जा सकती है।
जहां पहले सीसीटीवी फुटेज पुलिस का सर दर्द समझे जाते थे उसके विपरीत आज झाबुआ पुलिस हर दुकान हर घर के बाहर सीसीटीवी लगाए जाने पर जोर देती नजर आती है। यह 360 डिग्री का परिवर्तन केवल वर्तमान नेतृत्वकर्ताओं की अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा का स्पष्ट परिचायक है।
त्योहारों के पहले आयोजित होने वाली शांति समिति की बैठकों में टीआई भास्करे सूत्रधार की भूमिका में देखें जाते हैं। वहीं नगरीय क्षेत्र में नागरिकों में सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ करने के लिए निकाले जाने वाले फ्लैग मार्च का नेतृत्व करते भी देखे जा सकते हैं।
बेहद चुनौती पूर्ण एवं तनावपूर्ण पुलिस की नौकरी पूरी गंभीरता और मानसिक स्थिरता के साथ निभा पाना अपने आप में एक उपलब्धि है। कॉलेज रोड पर सुबह-सुबह टीआई साहब आपको जॉगिंग करते नजर आ जाएंगे।
भील भूमि समाचार लगातार अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में पुलिस प्रशासन के ऐसे दक्ष अधिकारियों को विशेष पहचान देने का प्रयास करता है। इस श्रृंखला में टीआई रमेश भास्करे ने अपना अलग स्थान बनाया है।
हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093