मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी एवं बजरंग दल का मानवीय संदेश: मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक को प्रेम और सहयोग से परिवार तक पहुँचाया

पेटलावद।
मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की जिला संयोजिका श्रीमती संगीता त्रिवेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले डेढ़ माह से पेटलावद एवं थाना रोड क्षेत्र में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक भटक रहा था। राहगीरों से लगातार सूचना मिल रही थी कि यह युवक कई बार महिलाओं का हाथ पकड़ लेता है, जिससे स्वाभाविक रूप से लोगों में आशंका और भय की स्थिति थी।
ऐसे समय में, एक ओर सुरक्षा की भावना और दूसरी ओर करुणा के भाव से प्रेरित होकर संगीता त्रिवेदी ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस युवक की मदद का बीड़ा उठाया। थांदला रोड क्षेत्र से युवक को रोका गया और पुलिस बल की मदद से थाने लाया गया।
युवक ने पूछताछ में बताया कि उसने कई दिनों से भोजन नहीं किया था। इस पर दल के सदस्यों ने उसे प्रेमपूर्वक भरपेट भोजन कराया और आत्मीयता से बातचीत कर उसका मनोबल बढ़ाया।
थाने में पूछताछ के बाद यह युवक साड गांव का निवासी मनोहर मेड़ा निकला। लंबे समय से वह घर से दूर था और परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस की जांच-पड़ताल के बाद युवक को उसके पिता के सुपुर्द किया गया। इस अवसर पर पिता के साथ युवक का वीडियो भी साझा किया गया।
इस मानवीय कार्य में संगीता त्रिवेदी, आनन्द प्रजापति, राहुल गुप्ता, कुनाल नागर, देवेश त्रिवेदी, गौतम राठोड़ और चिरायु जैन ने विशेष सहयोग दिया। साथ ही टीआई निर्भया सिंह भूरिया व पुलिस टीम ने भी सराहनीय भूमिका निभाई।
यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि—
“जहां अक्सर छोटे-छोटे विवादों को जातिगत रंग देकर आदिवासी और गैर-आदिवासी के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश की जाती है, वहीं पेटलावद जैसे क्षेत्र में ऐसे प्रेरक उदाहरण सामने आते हैं जो प्रेम, सहयोग और आपसी समन्वय की भावना को और प्रगाढ़ करते हैं। इस मामले में मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक आदिवासी समाज से था, लेकिन मदद का हाथ बढ़ाने वाले सभी गैर-आदिवासी थे।”
मानवता और सहयोग की इस मिसाल ने एक बार फिर साबित किया है कि समाज तभी सुरक्षित और मजबूत बनता है, जब हम जाति-धर्म से ऊपर उठकर जरूरतमंद की मदद करें।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार