झाबुआ: महिला प्रोफेसर सायबर अरेस्ट होते होते बची
घटना
झाबुआ जिले की एक महिला प्रोफेसर के साथ 19.11.2024 को डिजिटल ठगी का प्रयास किया गया। एक अज्ञात कॉलर ने उन्हें फोन कर बताया कि उनका मोबाइल नंबर जल्द ही बंद हो सकता है, क्योंकि तिलक नगर थाना, मुंबई में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। कॉलर ने दावा किया कि महिला के आधार कार्ड का दुरुपयोग कर्नाटक, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में किया गया है।
कॉलर ने यह भी आरोप लगाया कि उनके नाम से मुंबई के कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है, जिसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। उसने धमकी दी कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है।
कॉलर ने महिला को डराने के लिए व्हाट्सएप पर फर्जी दस्तावेज भेजे, जिनमें उनके नाम के एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, बैंक ट्रांजेक्शन की डिटेल्स, थाने के फर्जी फोटो और गिरफ्तारी वारंट शामिल थे। साथ ही, वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी बात को प्रमाणित करने का प्रयास किया।
महिला प्रोफेसर की सतर्कता
महिला प्रोफेसर ने समझदारी दिखाते हुए इस ठगी के जाल में न फंसते हुए तुरंत झाबुआ साइबर सेल से संपर्क किया। साइबर सेल ने स्थिति को संभाला और उन्हें ठगी का शिकार होने से बचाया।
- झाबुआ साइबर सेल हेल्पलाइन नंबर: 70491 40517
- राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन: 1930
- रिपोर्टिंग पोर्टल: cybercrime.gov.in
क्या होता है साइबर अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर ठगी का तरीका है, जिसमें अपराधी वीडियो कॉल, फर्जी दस्तावेज, या गिरफ्तारी वारंट के नाम पर लोगों को डराकर ठगने की कोशिश करते हैं।
हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg. MPHIN/2023/87093