झाबुआ के यातायात पुलिस के इस जवान ने अपनी कार्यशैली से किया नागरिकों को प्रभावित
विश्व प्रसिद्ध साइंस डेली मैगज़ीन में प्रकाशित एक लेख के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि –
“जब कोई हमारा निरीक्षण कर रह हो, जब हमारे काम पर ध्यान दिया जा रहा हो तब हमारा प्रदर्शन बेहतर हो जाता है।”
यह वैज्ञानिक शोध पर आधारित तथ्य है।
बात तो तब है जब कोई ध्यान देने वाला न हो तब भी व्यक्ति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहा हो!
असली जनसेवा को ऊपरी दिखावे से अलग करके पहचानने का यह एक कारगर तरीका है।
झाबुआ यातायात पुलिस में पदस्थ भूपेंद्र रावत एक बेजोड़ जनसेवा के अनुपम उदाहरण हैं।
स्थानीय दुकानदारों, राहगीरों एवं सभी पर अपनी वक्र दृष्टि बनाए रखने वाले पत्रकारों सभी ने रावत की कर्तव्यनिष्ठा पर मोहर लगाई है।
सबसे कठिन नौकरियों में से एक माने जाने वाली पुलिस की नौकरी और उसमें भी यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण दायित्व है।
जहां हर कोई काम करने के लिए एक शांत वातावरण पसंद करता है वही दिन भर छोटे-बड़े वाहनों और बाज़ार के शोर के बीच खड़े रहना सहज नहीं! कभी कड़ाके की सर्दी, कभी तपती धूप तो कभी तेज बारिश के बीच यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखना कोई सरल काम नहीं! न सिर्फ शारीरिक रूप से मज़बूत बल्कि मानसिक रूप से शांत व्यक्ति ही इस तनावपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक काम कर सकता है। करने को तो मोबाइल में टाइम पास करना बहुत सरल और सहज मालूम होता है, कठिन तो है अपने काम को तपस्या की तरह करना।
नागरिकों ने की प्रशंसा
आज़ाद चौक स्थित एक होटल पर नाश्ता कर रहे दो नागरिकों ने कहा, ‘जब भी भूपेंद्र रावत आजाद चौक के पॉइंट पर ड्यूटी पर तैनात रहते हैं तो लगातार सीटी बजाती रहती है, आवाज़ लगाकर गाड़ियों की आवाजाही से लेकर पार्किंग तक सुनिश्चित करते दिखाई देते हैं। दूर कॉलेज मार्ग के पॉइंट पर भी इन्हें मुस्तैद और सक्रिय देखा जा सकता है जहां कोई देखने-पूछने वाला नहीं। एक पत्रकार ने अपना अनुभव बताया के जब बस स्टैंड छतरी चौक से मैं निकला तब रावत को छतरी पर खड़े देखा और मन ही मन सोचा के यदि मेरे आने तक भी इसी प्रकार रावत जी काम करते दिखाई दिए तो इनका आभार जरूर व्यक्त करूंगा! और किया भी…
भील भूमि समाचार पत्र सलाम करता है कर्म ही पूजा है के सिद्धांत को चरितार्थ करने वाले यातायात पुलिस के जवान भूपेंद्र रावत को।
झाबुआ यातायात पुलिस में पदस्थ समस्त कर्मचारी साधुवाद के पात्र हैं, क्योंकि ये न सिर्फ ये अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते हैं बल्कि अतिक्रमण से भरे बाज़ार को व्यवस्थित कर उदासीन नगरपालिका का काम भी करते हैं!
हिमांशु त्रिवेदी
प्रधान संपादक भील भूमि समाचार पत्र