प्रशासनिक/राजनैतिक

जन सुनवाई की काली सच्चाई जो कलेक्टर मैडम से जाती है छुपाई!

जन सुनवाई के नाम पर दूर गावों से आनेवाले ग्रामीणों को कैसे कर्मचारी बना देते हैं बेवकूफ करते है बदसलूकी!

मंगलवार 5 सितंबर 2023, जनसुनवाई में सीईओ जिला पंचायत रेखा राठौड़ की उपस्थिति में ग्रामीणों के साथ होने वाली धोखाधड़ी का उदाहरण देखने को मिला।

हर मंगलवार जिला कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में जिले के ग्रामीणों के साथ बदसलूकी एवं प्रताड़ना का सिलसिला देखने में आ रह है।

ग्राम अंतरवेलिया से आई महिला पल्लू ने बताया कि उसके घर के पास बिजली का खंभा 3 वर्षों से पड़ा हुआ है लेकिन विद्युत विभाग को खंबा लगाने की फुर्सत नहीं है। 3 साल से घर में बिजली नहीं है, ऑफिसों के चक्कर काट रहीं हूं!!

मजबूरन लिया गया अस्थाई कनेक्शन बार-बार लूज हो जाता है जिसे ठीक करने में बेटी और जमाई की करेंट लगने से जान जाते-जाते बची है!

ग्रामीण महिला बड़ी उम्मीद से नवागत कलेक्ट महोदय के पास अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई में आई, तो कर्मचारियों ने मार्क किया हुआ आवेदन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में ना भेजते हुए ग्रामीण महिला को बाहर का रास्ता दिखाते हुए बोल दिया कि तुम्हारा काम हो गया अब यहां से जाओ!

 

जब हमारी टीम ने गड़बड़ी को पकड़ा और महिला को अपने साथ रजिस्ट्रेशन की बेंच पर ले गए तो रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं कर्मचारी ने उल्टा महिला को ही फटकार लगनी शुरू कर दी। तेज और ऊंची आवाज में महिला से उसका नाम जाति और गांव का नाम पूछा गया जिस महिला सहम गई। ऐसा प्रतीत हुआ कि जैसे महिला को बाहर का रास्ता बताने की योजना बिगड़ जाने से कर्मचारी अपना गुस्सा रोक नहीं पाए।

यदि शिकायत रजिस्टर ही नहीं होगी तो निराकरण का तो प्रश्न ही नहीं उठता!!

यदि पत्रकारों की उपस्थितियों में शिकायतकर्ताओं से इतनी बदसलूकी से बात की जाती है तो सोचिए कर्मचारी अकेले में इनका क्या हाल करते होंगे?

उल्लेखनीय प्रकरण#2

रामसिंह भूरिया, ढेकल बड़ी, अपनी जमीन से दबंगों का कब्जा छुड़ाने के लिए पिछले 7 महीना से एसडीएम कोर्ट के आदेश के बावजूद परेशान होते ग्रामीण ने आपबीती सुनाई। मार्च 2023 में लगाई जन सुनवाई की शिकायत की पावती लेकर 7 महीने से हर मंगलवार आते है कलेक्टर ऑफिस!!

#3.बिना निराकरण शिकायत कर दी खत्म

शिकायतकर्ता पप्पू वास्केल, ग्राम गोला बड़ी, ग्राम पलिया खदान में तालाब खुदाई में लगाए ट्रैक्टर के बकाया ₹40000 ग्रामीण को दिए बिना ही कंप्लेंट कर दी क्लोज! और महीनों पुराना 5000 का पेमेंट दिखाकर कह दिया ग्रामीण को पेमेंट क्लियर हो गया।

कई किलोमीटर दूर का सफर तय करके आने वाले गरीब ग्रामीण बड़ी उम्मीद से न्याय के लिए आते हैं लेकिन उन्हें सरकार के नुमाइंदों से मिल रह है सिर्फ धोखा, फरेब और बदसलूकी!

हिमांशु त्रिवेदी, प्रधान संपादक, भील भूमि समाचार पत्र, Reg.MPHIN/38061

 

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