ज्ञापनप्रशासनिक/राजनैतिक

भाजपा सरकार के विरुद्ध दिव्यांगजनों का आक्रोश प्रदर्शन

महीने की मात्र 600 रूपय मिलती है पेंशन!

भाजपा सरकार द्वारा लगातार दिव्यांगजनोंं की उपेक्षा और उदासीन रवैये को लेकर विकलांग अधिकार संघ जिला झाबुआ द्वारा लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में 2 अप्रैल को अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अंबेडकर पार्क झाबुआ से नगर में दिव्यांगों द्वारा विकलांग जोड़ो यात्रा के रूप में वाहन रैली निकाली गई।

दिव्यांग बोले, “क्या ये हमारी गलती है कि हम विकलांग हैं…के हमारा कोई वोट बैंक नहीं है.. और ये कि हमने भाजपा सरकार पर विश्वास किया…”

ज्ञापन में उल्लेखित मांगें

  • हर महीने मिलने वाली पेंशन मात्र 600 रुपए महीना से बढ़ाकर 3 हज़र रुपए की जाए।
  • विकलांगों के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना में प्राथमिकता के आधार पर अलग सूची बनाई जाए एवं आवास योजना का लाभ दिया जाए।
  • विकलांगता अनुसार पेट्रोल से चलने वाली मोटरसाइकिल दी जाए जिससे आजीविका कमाने के अवसर बेहतर हो पाएं।
  • विकलांगों को उनकी डिग्री अनुसार यथोचित पदों पर सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाए।

दिव्यांगों को स्थिति दयनीय

उल्लेखनीय है कि दिव्यांगों की स्थिति दयनीय है। जहां मुख्य धारा से पिछड़ गए लोगों के लिए समाज में सहानुभूति होनी चाहिए, उनकी पुकार प्राथमिकता से सुनी जानी चाहिए, उसकी जगह दिव्यांगों के हिस्से सम्मान की जगह तरस और आर्थिक सहयोग की जगह दान आता है। जो दिव्यांग जिंदगी को स्वाभिमान से जीने के लिए प्रयासरत रहते हैं उन्हें सरकारी की ओर से आर्थिक सहायता के नाम पर महज ₹600 महीना की पेंशन दी जाती है। यह राशि किसी भी आधार से न्यायसंगत अथवा तर्कसंगत नहीं है।

इसी प्रकार जिन्हें सरकार पिछड़ा एवं विकलांग दोनों आधारों पर आरक्षण का पात्र मानती है, ऐसे लोगों को अनुकंपा नियुक्ति की ही तर्ज पर योग्य पदों पर (विकलांगता की जटिलता देखते हुए) सीधे नियुक्ति देने का प्रावधान भी विचारणीय है।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक भील भूमि समाचार पत्र, संस्थापक आदिवासी हेल्प लाइन झाबुआ

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