झाबुआ में रथ यात्रा के दौरान पत्रकार पर हमला; घटना सीसीटीवी में कैद कार्यवाही की मांग
पूर्व प्रकाशित समाचार से खफा होकर वार्ड 6 के स्वयंभू अघोषित पार्षद प्रतिनिधि और भाई ने की मारपीट

घटनाक्रम:
- भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की गरिमा हुई भंग
- बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद हर्षित अभिमन्यु बेस एवं अजीत बेस द्वारा पत्रकार से मारपीट का आरोप, घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद होने का दावा, कार्यवाही की मांग
- पहले से खड़े थे मारपीट के लिए तैयारी
- वार्ड क्रमांक 6 के स्वयंभू अघोषित पार्षद प्रतिनिधि हैं हर्षित अभिमन्यु बेस, कथित रूप से पत्रकार द्वारा सत्य प्रकाशित करने से बौखलाए थे दोनों भाई
- पुलिस एवं प्रशासन द्वारा पहले भी शांति भंग करने को लेकर 6-6 महीने के लिए दोनों भाई हो चुके हैं प्रतिबंधित; कथित रूप से अन्य अपराधिक मामलों में भी विचाराधीन
झाबुआ, 28 जून 2025
झाबुआ के जगन्नाथ मंदिर से 27 जून को जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा निकाली गई। रथ यात्रा की गरिमा को बढ़ाने के लिए सकल व्यापारी संघ झाबुआ द्वारा राजवाड़ा चौक पर भव्य स्वागत की व्यवस्था की गई, जिसकी जिम्मेदारी व्यापारी संघ के सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु त्रिवेदी द्वारा निभाई गई।
शाम लगभग 7.20 बजे जैसे ही रथ यात्रा राजवाड़ा पहुंची, नगर के प्रतिष्ठित व्यापारियों ने व्यापारी संघ के बैनर तले पुष्पवर्षा कर रथ का स्वागत किया। इसी दौरान, दिव्य इलेक्ट्रॉनिक्स के सामने वार्ड क्रमांक 6 के स्वयंभू अघोषित पार्षद प्रतिनिधि हर्षित अभिमन्यु बेस और उसके बड़े भाई अजीत बेस द्वारा पत्रकार हिमांशु त्रिवेदी से विवाद एवं मारपीट करने का आरोप है।
फरियादी एवं प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ का फायदा उठाकर योजनाबद्ध तारीक से दोनों भाइयों ने धार्मिक आयोजन की गरिमा को भंग करते हुए पत्रकार को अश्लील गालियाँ दीं, और अजीत द्वारा कॉलर पकड़ने के बाद हर्षित ने पेट में घूंसा मारा एवं मारपीट की शुरुआत कर दी। यात्रा में उपस्थित संभ्रांत नागरिकों ने दोनों भाइयों को रोका अन्यथा मारपीट निश्चित रूप से बड़ा रूप ले लेती। दोनों भाई पहले से तैयारी में मौजूद थे। घटना राजवाड़ा क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों में कैद होने के दावे के साथ कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।
हमले के पीछे कारण: पूर्व प्रकाशित समाचार
पत्रकार हिमांशु त्रिवेदी द्वारा कुछ दिन पहले वार्ड 6 में वरिष्ठ नागरिकों को दिए गए निराधार नोटिस संबंधित समाचार प्रकाशित किया गया था, उसी खबर को लेकर दोनों आरोपी पहले से नाराज थे और मौके की तलाश में थे।
👇 संबंधित समाचार यहाँ पढ़ें:
भाजपा नगरपालिका ने प्रतिष्ठित वरिष्ठ समाजसेवियों को दिए शासकीय कार्य में बाधा डालने के निराधार नोटिस, नगर समाज में रोष!
खास खबर: झाबुआ नगरपालिका: बिट्टू क्यों कमज़ोर, कैसे चल रहा छुट भैयों का ज़ोर?
घटना के बाद की स्थिति
हमले के बाद भी हिमांशु त्रिवेदी ने रथ यात्रा की गरिमा को देखते हुए तत्काल प्रतिरोध नहीं किया। यात्रा शांतिपूर्वक आगे बढ़ी। परंतु जैसे ही यात्रा स्थल से आगे बढ़ी, पत्रकार के समर्थन में संगठन और ग्रामीणजन वहां एकत्रित हुए। इससे डरकर दोनों आरोपी बचाव की मुद्रा में आ गए।
पुलिस बल मौके पर उपस्थित था जिनके समक्ष घटना घटित हुई, साथ ही सहयोगियों के होते हुए भी हिमांशु त्रिवेदी ने कानून अपने हाथ में नहीं लिया। उन्होंने संयमित व्यवहार करते हुए घटना का आवेदन कोतवाली थाना झाबुआ में दर्ज कराया।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब हर्षित अभिमन्यु बेस और अजीत बेस विवादों में आए हैं। कुछ माह पूर्व भी, शांति भंग के आरोप में दोनों भाइयों को पुलिस प्रशासन द्वारा छह-छह महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया था।
कथित रूप से हर्षित अभिमन्यु को थाना कोतवाली पुलिस द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में पूर्व में (पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के कार्यकाल में) पकड़ा गया था। तब पत्रकार हिमांशु त्रिवेदी ने हिंदू संगठन की ओर से समाज में शांति बनी रहे इस भावना से उसे थाने से माफीनामा लेकर छुड़वाया था, जो पुलिस रिकॉर्ड में है। और अब उसी पत्रकार पर उसने हमला कर दिया।
हिमांशु त्रिवेदी न सिर्फ एक पत्रकार हैं, वे सकल व्यापारी संघ झाबुआ के सचिव, रोटरी क्लब झाबुआ जैसे बड़े सामाजिक संगठन में प्रोजेक्ट चेयरमैन, पूर्व में विश्व हिंदू परिषद और वर्तमान हिंदू जागरण मंच जिला कार्यकारिणी सदस्य हैं। वे वर्षों से आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करते रहे हैं और समाज में शांति, विकास और न्याय की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह हमला न केवल एक पत्रकार पर हुआ है, बल्कि यह स्वतंत्र पत्रकारिता, धार्मिक आयोजन और सामाजिक व्यवस्था पर भी हमला है। सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस की मौजूदगी के कारण यह मामला जल्द ही सत्यता के साथ उजागर होगा।