पत्रकार मुजम्मिल खान पर एफआईआर दर्ज! हिंदू समाज ने दिया था ज्ञापन

झाबुआ
ब्राह्मण समाज के आह्वान पर सर्व हिंदू समाज व हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा 8 जुलाई को पुलिस अधीक्षक झाबुआ को पत्रकार मुजम्मिल खान उर्फ लाला के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन इस प्रकार है:
प्रती,
माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय,
झाबुआ
दिनांक:8/7/25
विषय: 1.बिना इजाजत जबरन घर में घुसने एवं युवती को परेशान करने 2. मृतक के परिजन के वीडियो बयान को आगे पीछे जोड़कर बयान बदलकर आदिवासी समाज को भड़काने 3. झूठा समाचार प्रकाशित कर हिंदू समाज के वरिष्ठ चिकित्सक की मानहानि करने के संबंध में
महोदय,
शुक्रवार 4 जुलाई को फेसबुक पर “साधना न्यूज़” संवाददाता पत्रकार मुजम्मिल ने यह दावा किया कि डॉक्टर अरुण प्रकाश त्रिपाठी की दी गई दवा से एक महिला की मृत्यु हो गई, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ़ कहती है कि मृत्यु का कारण हृदय गति रुकना था। न कोई विष मिला, न कोई दवा के दुष्प्रभाव का प्रमाण।
वीडियो एडिट करके पलट दिया वास्तविक बयान
मृतक के परिजनों ने अपने वीडियो बयान में भी स्पष्ट किया कि महिला की मृत्यु एक मंदिर हुई थी। लेकिन जातीय वैमनस्य फैलाने और एक सम्मानित नागरिक को बदनाम करने के उद्देश से पत्रकार मुजम्मिल खान द्वारा मृतक महिला के परिजनों द्वारा दिए गए बयान के वीडियो को कट-पेस्ट कर आगे-पीछे जोड़कर ऐसा दिखाया गया कि मृत्यु डॉक्टर के घर पर हुई। जबकि ओरिजिनल वीडियो (जिसमें बयान का क्रम यथावत है) में मृतक के परिजन साफ कह रहे हैं कि मृत्यु एक मंदिर में हुई थी। तुलना करने के लिए दोनों वीडियो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत हैं।
बिना इजाजत जबरन घर में घुसा पत्रकार और युवती को किया परेशान
जहाँ यह फर्जी रिपोर्टिंग अपने आप में शर्मनाक है, वहीं उससे भी ज़्यादा निंदनीय है कि पत्रकार डॉक्टर के घर पहुँच गया, जहाँ बाहरी कमरे में उनकी बालिग पुत्री अकेली थीं। पुत्री ने अंदर आने का स्पष्ट मना किया, लेकिन पत्रकार बिना इजाजत जबरन घर में घुसा, बातचीत का दबाव बनाया, युवती को परेशान किया और युवती को भयभीत कर दिया, जो अभी भी सदमें से नहीं उभर पाई है।
यह कृत्य महिला गरिमा, मानसिक सुरक्षा और व्यक्तिगत निजता के विरुद्ध आपराधिक आचरण है।
डॉक्टर त्रिपाठी जैसे व्यक्ति, जिनकी सेवा का लाभ हजारों ने लिया, आज एक झूठे पत्रकार द्वारा मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं।
इस पूरे प्रकरण से समाज क्षुब्ध है एवं आपसे कठोर कार्यवाही की मांग करता है।
सर्व हिंदू समाज व संगठन झाबुआ
पत्रकार मुजम्मिल खान, झाबुआ
पीड़ित युवती के बयान के आधार पर हुई एफआईआर दर्ज
थाना कोतवाली झाबुआ में युवती के बयान के आधार पर गृह अतिचार, धमकाने, एक्सटोर्शन आदि भारतीय न्याय संहिता की 4 अलग-अलग धाराओं में आरोपी पर एफआईआर दर्ज की गई है।
समाज की प्रतिक्रिया
समाजजनों के अनुसार पत्रकार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक इंतजार कर सकते थे। सत्य सामने लाने की बजाए किसी भी व्यक्ति को दोषी करार देकर मानहानि करना निश्चित रूप से अपराध है। समाचार में 1 मिनिट और 9 सेकंड पर वीडियो एडिटिंग साफ नजर आ रही है, जो बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर समुदाय विशेष को भड़काने के प्रयास की कोशिश दिखाई देती है। इसके अतिरिक्त गृह अतिचार सबसे गंभीर और संगीन अपराध है। इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता पर अंकुश लगाना अत्यंत आवश्यक है।