राष्ट्रीय बालिका दिवस: सहनशक्ति और आंतरिक शक्ति के साथ चुनौतियों का सामना करें- ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास करड़ावद बड़ी में ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी का प्रेरक संदेश

झाबुआ
करड़ावद बड़ी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रतिनिधि जयंती दीदी ने बालिकाओं को प्रेरक संदेश दिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आत्मबल, सकारात्मक सोच और मेडिटेशन के महत्व पर प्रकाश डाला।
सहनशक्ति और आंतरिक शक्ति से बनाएं अपनी पहचान
जयंती दीदी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने बालिकाओं को आत्मबल और सहनशक्ति बढ़ाने के तीन मुख्य उपाय सुझाए:
1. आत्म निरीक्षण: हर दिन सोने से पहले स्वयं से बातें करें और अपने दिन का मूल्यांकन करें।
2. तुलना से बचें: अपनी तुलना किसी से न करें और अपनी अनूठी पहचान को बनाए रखें।
3. मेडिटेशन का अभ्यास: परमात्मा से जुड़कर आंतरिक शक्ति का विकास करें।
सकारात्मक सोच से बनाएं बेहतर भविष्य
जयंती दीदी ने कहा, “आपकी सोच ही आपके भविष्य का निर्माण करती है। अगर आप अपनी कमजोरियों और विशेषताओं को पहचानें, तो आप हर चुनौती को पार कर सकती हैं।” उन्होंने बालिकाओं को प्रोत्साहित किया कि वे अपनी विशेषताओं पर भरोसा करें और हमेशा मुस्कुराते हुए चुनौतियों का सामना करें।
कार्यक्रम में मेडिटेशन और म्यूजिकल एक्सरसाइज का भी आयोजन हुआ। बालिकाओं ने अपनी कविताओं और विचारों से इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। स्टॉफ सदस्य रमिला मेड़ा, सुनीता गरवाल, अर्पिता और एपीसी सीमा चौहान के सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg. MPHIN/2023/87093