झाबुआ: निकलेश डामोर पत्रकार को भेजा गया जेल
शनिवार 19 जनवरी 2025 को दिलीप गेट झाबुआ के निवासी और वॉइस ऑफ झाबुआ के संपादक निखिलेश डामोर उर्फ निक्की को न्यायालय द्वारा जेल भेजा दिया गया।
कथित रूप से झाबुआ नगर में एक आदिवासी महिला से जबरन वसूली करने के आरोप में एवं मेघनगर में आदिवासी के अवैध धर्मांतरण के आरोप में दो अलग-अलग एफआईआर झाबुआ पुलिस द्वारा दर्ज की गई है।
कथित रूप से जबरन वसूली की राशि 24 लाख रुपए बताई जा रही है! 2 से 3 साल के अंदर वसूले गए इन पैसों के लिए पीड़ित पर लगातार मानसिक दबाव बनाने एवं धमकाने के आरोप निकलेश डामोर पर लगाए गए हैं। कथित रूप से अवैध वसूली की संपूर्ण कॉल रिकॉर्डिंग एवं ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रस्तुत किए गए हैं।
कथित रूप से 18 एवं 19 जनवरी की दरमियानी रात लगभग 1:00 बजे अनुमानित 20 पुलिसकर्मियों द्वारा दिलीप गेट निवासी निक्की डामोर के घर पर दबिश दी गई। यहां से रात को पुलिस आरोपी निक्की को थाना कोतवाली झाबुआ पर ले गई। अगली सुबह आरोपी निखिलेश डामोर को दोपहर लगभग 3:15 बजे थाना कोतवाली झाबुआ गोपाल कॉलोनी से न्यायालय ले जाया गया। न्यायालय ले जाते वक्त गोपाल मंदिर के सामने पुलिस का वाहन खराब हो गया जिसके चलते पुलिस आरोपी को पैदल चलाकर न्यायालय तक लेकर गई।
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देर शाम तकरीबन 7:00 झाबुआ थाने में पंजीबद्ध आदिवासी महिला से जबरन वसूली के मामले में न्यायालय द्वारा निकलेश डामोर को जेल भेज दिया गया। अवैध धर्मांतरण के मामले में मेघनगर पुलिस द्वारा अभी कार्रवाई की जाना बाकी है।
अपने वॉइस का झाबुआ के समाचार पोर्टल के माध्यम से “कही अनकही” के शीर्षक तले नगर एवं जिले के विभिन्न प्रतिष्ठित लोगों, हिंदू संगठन प्रमुखों, भाजपा नेताओं, पुलिस प्रशासन समेत पत्रकारों आदि के विषय में निखिलेश डामोर द्वारा प्रकाशित समाचार चर्चा में रहे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से लिखे लेखों में कथित रूप से सवर्ण से लेकर अवर्ण तक सभी के निजी जीवन पर सार्वजनिक आक्षेप लगाए गए। इन अप्रत्यक्ष लेखों में लिखे आपत्तिजनक लेखों की शुरुआत और अंत “जय राम जी की” लिखकर किया जाता।
माननीय न्यायालय में मानहानि संबंधित मुकदमा निकलेश डामोर पर पहले से ही विचाराधीन चल रहा है।
निखिलेश डामोर द्वारा लिखी गई सैकड़ों पोस्ट में से कुछ के स्क्रीनशॉट पीड़ित व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं (पोस्ट में माताओं बहनों का चारित्रिक हनन एवं मानहानि के कुत्सित प्रयास किए गए हैं, पाठकों से विवेकशीलता का अनुरोध है):
पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर विहिप जिलाध्यक्ष आज़ाद प्रेम सिंह डामोर द्वारा पोस्ट शेयर की गई जो इस प्रकार है:
“निकलेश डामोर नाम रख कर एक ईसाई पास्टर (ईसाई धर्मगुरु) जो पत्रकार का रूप धारण कर अवैध धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था। यह ईसाई मिशनरियों के ऐसे तंत्र का हिस्सा है जिसने अवैध धर्मांतरण के साथ सारे गैर कानूनी धंधों का बहुत बड़ा जाल बिछा रखा था। पत्रकारिता की आड़ लेकर आदिवासियों को ईसाई बना रहा था। इस पास्टर और इसकी संस्था पर कठोर कार्यवाही करें प्रशासन।।। हर हर महादेव ।।”
जबरन वसूली के मामले में जमानत पेश होने तक निखिलेश डामोर को जेल में रखा जाएगा एवं उसके बाद धर्मांतरण के विषय में की गई एफआईआर के संबंध में कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा।
हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार, Reg. MPHIN/2023/87093