फॉलो अप न्यूज़: हिंदू समाज समेत पुलिस की आंखों में भी किया था धूल झोंकने का प्रयास; राजवाड़ा आगजनी प्रकरण
वारदात की जड़ बताया जा रहा दो दोस्तों का व्यक्तिगत झगड़ा
फॉलो अप न्यूज़: हिंदू समाज समेत पुलिस को भी गुमराह करने की नाकाम कोशिश; राजवाड़ा आगजनी प्रकरण
वारदात की जड़ बताया जा रहा दो दोस्तों का व्यक्तिगत झगड़ा
कथित रूप से एक शाम दो दोस्तों में हुआ आपसी विवाद आज पूरे समाज में वैमनस्य का कारण बना गया। किसी तीसरे व्यक्ति के परिवार के लिए बोले गए अपशब्दों के बाद से दोनों के बीच का झगड़ा गहराता गया।
नौबत यहां तक आ गई कि कथित रूप से मौका मिलते ही एक दोस्त एवं उसके भाई ने ‘अफवाह’ का फायदा उठाकर कानून अपने हाथ में लेते हुए दुसरे की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया। पूरा घटनक्रम सीसीटीवी एवं मोबाइल कैमरे में कैद हो गया।
इसके पहले भी आगजनी में शामिल पक्ष द्वारा पीड़ित पक्ष के विरुद्ध कथित रूप से 2 घटनाएं कारित करने के आरोप है:
*मकान के बीचों बीच लगे लाइट के खंबे को हटाए जाने की प्रक्रिया में अनावश्यक रूप से बाधा उत्पन्न करना।
*पीड़ित पक्ष के सड़क सीमा के अंदर रखे दुकान के अंदर आने के पायदान को योजना पूर्वक हटवा देना।
कुल मिलाकर आगजनी करने वाले पक्ष की ओर से पीड़ित पक्ष पर यह कथित रूप से लगातार तीसरा हमला था, जिससे समाज अंजान था।
पीड़ित पक्ष राजू शर्मा एवं परिवार द्वारा लगातार प्रताड़ित कर रहे व्यक्ति के विरुद्ध थाना कोतवाली में कार्यवाही हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया।
कथित रूप से आरोपित पर पहले भी शांतिभंग करने को लेकर एफआईआर एवं मुकदमा हो चुका है।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि आवेदन के बाद से ही आरोपित पक्ष द्वारा दोबारा पीड़ित पक्ष पर आवेदन वापस लेने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक प्रताड़ना के हथकंडे अपनाने के प्रयास जारी हैं जिसके रिकॉर्ड साक्ष्य पीड़ित के पास उपलब्ध हैं।
ताज्जुब की बात है कि पहले हिंदू समाज के कंधे पर बंदूक रखकर अपने व्यक्तिगत झगड़े में उलझाने के बाद, आरोपित पक्ष अब कथित रूप से मुस्लिम समाज को समझाइश के लिए आगे करने का प्रयास कर रहा है।
जब ‘आरोपित पक्ष’ ने एक ‘कट्टर हिंदू पक्ष’ के परिवार के साथ अपराध किया उस समय चुप रहकर तमाशा देखने वाले हिंदुओं को अब न्याय की कार्यवाही से कोई आपत्ति नहीं है।
आवेदन में केवल एक व्यक्ति जो की अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए लगातार उत्पीड़न करने का आरोपी है के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। अफवाह के कारण उत्तेजित हुए लोगों को पीड़ित पक्ष द्वारा क्षमा किया जा चुका है।
कथित रूप से दस्तावेजों से सिद्ध हो चुका है कि राजा द्वारा बेचा गया राजवाड़ा अब निजी संपत्ति है।
पुलिस द्वारा एक अपराधी पर कार्यवाही नहीं करने पर पीड़ित पक्ष न्याय के लिए अदालत जाने को बाध्य होगा जहां एक से अधिक लोगों के अपराधी बनने की आशंका होगी।
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हिमांशु त्रिवेदी
भील भूमि समाचार MPHIN/2023/87093