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झाबुआ कांवड़ यात्रा: 15 किलोमीटर पैदल चले युवक-युवतियां! पीपलखूंता से मदरानी

मदरानी/झाबुआ

सावन के महीने में शिव साधकों द्वारा कावड यात्रा निकाले जाने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को पंडित प्रवीणकुमार की अगुवाई में इस साल भी पीपलखुंटा से मदरानी के बीच 15 किमी पदयात्रा निकाली गई। कावड यात्रियों का जत्था सुबह 10 बजे मां पद्मावती जल लेकर मुक्तेश्वर मंदिर के लिए निकला। शहर में शाम 4 बजे पहुंचा। फिर नगर के मुक्तेश्वर मंदिर में शिव का अभिषेक किया। रास्ते में काफिले का जगह जगह स्वागत हुआ। भगवान भोले के हजारों उपासक सोमवार को सुबह पद्मावती नदी पीपलखुटा में पहुंचे। यहां सभी ने मां पद्मावती में स्नान किया। फिर घाट पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल दाड़की वाले बाबा हनुमंत मंदिर में पूजन किया। सुबह करीब 10 बजे शिव भक्त कांधे पर नर्मदा जल भरी कावड़ लेकर हर हर महादेव और बोल बम नर्मदे हर के जोश से जयकारे लगाते हूए मुक्तेश्वर मंदिर के लिए निकले। रास्ते में गांवों के लोगों ने स्टॉल लगाकर जगह जगह कावड यात्रियों पर फूल बरसा, इसके अलावा उन्हें स्वल्पाहार कराया। कावड यात्रा में गांव के सैकड़ो शिव के उपासक शामिल हुए।

शिव के भजनों पर थिरके भक्त

शाम करीब 4 बजे कावड यात्रा शहर में पहुंची। यहां पहले से ही लाेग कावड यात्रा का स्वागत करने के लिए तैयार थे। डीजे की धुन पर बजते भगवान शंकर के भजन कावडियों में जोश भर रहे थे। सावन की रिमझिम फुहारों में भीगे कावडिए भजनों की धुन पर जमकर थिरकते हुए आगे बढ़ रहे थे। शहर में विभिन्न चौराहों व गलियों से कावडियों पर पुष्पवर्षा की गई। शाम को मुक्तेश्वर मंदिर में नगर के सभी शिव भक्तों ने जल से शिव का अभिषेक किया। देश व प्रदेश में सुख समृद्धि खुशहाली की प्रार्थना की। इसमें गांव के वरिष्ठ नारायण प्रजापत, बाबूलाल प्रजापत, निलेश कटारा, ललित पंचाल, पंकज जाट, पंकज राठौर, हलिया भगत, रसूल भूरिया, बसंत प्रजापत, हितेंद्र पंचाल, अश्विन सिसौदिया सहित मदरानी के कई गांवों के सैकड़ो लोग शामिल रहे।

हिमांशु त्रिवेदी, भील भूमि समाचार

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