आदिवासी महिलाओं से सिंदूर ना लगाने और मंगलसूत्र ना पहनने का कहने वाली शिक्षक मेनका डामोर निलंबित
मानगढ़ भील प्रदेश महारैली के मंच से कहा था आदिवासी हिंदू नहीं है!
आदिवासी महिलाओं को सिंदूर ना लगाने और मंगलसूत्र ना पहनने की नसीहत देने वाली सरकारी शिक्षक मेनका डामोर को सरकार द्वारा शासकीय शिक्षक की नौकरी से निलंबित कर दिया गया है।
सरकार द्वारा राजस्थान आचरण नियम के उल्लंघन एवं विभाग की छवि खराब करने के चलते मेनका डामोर को निलंबित किया गया।
भील प्रदेश की मांग को लेकर 18 जुलाई को राजस्थान के मनगढ़ में रैली एवं सभा का आयोजन किया गया था जिसमें मेनका ने आदिवासी हिंदू नहीं है पर केंद्रित अपना भाषण दिया था।
निलंबित शिक्षक मेनका डामोर ने आगे कहा कि हमारे स्कूलों को देवी- देवताओं का घर बना दिया गया है, यह शिक्षा का मंदिर है, वहां कोई उत्सव नहीं होना चाहिए। उनके इसी बयान के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया है। वह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सादडिया में शिक्षिका थीं। निलंबन के दौरान दोवड़ा सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं।
कथित रूप से इस बयानों की प्रतिक्रिया के रूप में एक बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाओं द्वारा घोर विरोध दर्ज कराया गया, जिसके परिणाम स्वरूप शासन द्वारा कठोर कार्रवाई करते हुए मेनका डामोर को शासकीय सेवा से निलंबित कर दिया गया।
झाबुआ एवं अलीराजपुर क्षेत्र के आदिवासी संगठनों से जुड़े युवाओं द्वारा भी भील प्रदेश की मांग की आड़ में इसे हिंदू विरोधी एजेंडा बताते सोशल मीडिया पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2021 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जयस से जुड़े पटवारी नितेश अलावा (जोबट) को भी निलंबित किया गया था। मई 2022 में देवास खातेगांव जयस नेता रामदेव काकोदिया को जिलाबदर किया गया। जुलाई 2023 में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के चलते जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजलदा पर इंदौर में एफआईआर दर्ज की गई थी।
सरकार द्वारा जाति के आधार पर भीलप्रदेश की मांग को सिरे से खारिज किया जा चुका है। जनजातीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी द्वारा स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि जाति के आधार पर यदि हर जाति अपने-अपने अलग प्रदेश की मांग करने लगे तो ये संभव नहीं है।