जिला पुलिस झाबुआ में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक गीता वलनेरिया संवेदनशीलता की प्रतिमूर्ति
यह पहली बार नहीं है
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महिला परामर्श केन्द्र में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक गीता वलनेरिया की ड्यूटी आदर्श महाविद्यालय में परीक्षा व्यवस्था में लगी थी। इस दौरान एक परीक्षार्थी अपने छोटे से बच्चे को साथ में लेकर परीक्षा देने पहुंची। पारिवारिक परिस्थिति के चलते परीक्षा देने आई महिला को अपने छोटे बच्चे को साथ में लाना पड़ा।
नियम तोड़े नहीं जा सकते
परीक्षा के नियमानुसार परीक्षार्थी परीक्षा देते वक्त परीक्षा हॉल में अपने बच्चों को नहीं ले जा सकते, इसका कोई विकल्प नहीं है। अब महिला के पास बिना परीक्षा दिए लेट जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था। विपरीत परिस्थितियों में की गई कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद यदि परीक्षा देने ही ना मिले, और परीक्षा हॉल से वापस लौटना पड़े तो इससे दुखद क्या होगा?
सच्ची संवेदनशीलता
ऐसे में मुसीबत में फंसे अनजान इंसान की मदद के लिए झाबुआ पुलिस की गीता वलनेरिया आगे आईं। महिला पुलिस ने अपनी ड्यूटी के साथ साथ 2 घंटों से अधिक समय के लिए परीक्षार्थी के बच्चे को भी संभाला। करुणा और संवेदना की इस अनुपम मिसाल को मौके पर माजूद परीक्षार्थियों, शिक्षकों एवं ड्यूटी पर मौजूद सभी लोगों द्वार खूब सराहा गया।
यह पहली बार नहीं है जब..
यह पहली बार नहीं है जब गीत वलनेरिया को अपने कार्य को पूरी निष्ठा से करते देखा गया हो। इससे पहले भी एक बड़े धार्मिक आयोजन में अपनी सुरक्षा ड्यूटी के साथ आपका मानवीय पहलू देखने में आया था।
भील भूमि समाचार पत्र सलाम करते है महिला पुलिस के सेवा के इस जज़्बे को।
हिमांशु त्रिवेदी, प्रधान संपादक