सामाजिक/धार्मिक

रानापुर: गीता भवन ट्रस्ट विवाद — पूरा घटनाक्रम और दोनों पक्षों के दावे (संग्रहीत रिपोर्ट)

रानापुर, जिला झाबुआ —

तिथियाँ:

  • ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों के विरुद्ध प्रस्तावित ज्ञापन 07.08.2025,
  • पंडित हरिओम दवे का बयान 09.08.2025,
  • ब्राह्मण प्रेस कॉन्फ्रेंस 11.08.2025

सार: गीता भवन ट्रस्ट में जन्माष्टमी आयोजन को लेकर उठे विवाद ने स्थानीय शांति को तनावग्रस्त कर दिया है। मामला मूलतः ट्रस्ट के आंतरिक प्रबंध और सदस्य नियुक्तियों का था जिसने अब सामाजिक विवाद का रूप ले लिया है। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप सामने आए हैं; अभी तक पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत/एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।


मुख्य घटनाक्रम (संक्षेप)

  • 07 अगस्त— कुछ लोगों ने एक ज्ञापन तैयार किया जिसमें 19 अगस्त को गीता भवन पर सर्व सनातनी समाज की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन संबंधित जानकारी होना और इसमें ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने की बात लिखी गई। (ज्ञापन बना — पर सनातन समाज की ओर से कोई औपचारिक ज्ञापन/आवेदन थाना में नहीं दिया गया — यह बात निलेश हरसोला ने स्पष्ट की।)
  • लगभग 15 दिन पूर्व (पंडित हरिओम दवे के अनुसार) — कथित रूप से ट्रस्ट अध्यक्ष पंडित हरिओम दवे ने अपने घर पर ट्रस्ट के महेश हरसोला व कमल पोरवाल को बुलाकर कहा कि वे पद छोड़ दें और नई पीढ़ी व हर समाज से प्रतिनिधि जोड़े जाएँ; दावे के अनुसार वहां विवाद हुआ और दोनों ने पद छोड़ने से इनकार किया।
  • 09 अगस्त — पंडित हरिओम दवे (85) ने प्रेस बयान जारी किया जिसमें उन्होंने पिछले 50 वर्षों की ट्रस्ट सेवा, अपने पद से हटने की बात, और महेश/कमल व समर्थकों पर गंभीर आरोप रखे।
  • रानापुर में आरोप — पंडित हरिओम दवे के अनुसार: निलेश हरसोला (ट्रस्ट सदस्य न होने के बावजूद) ने भजन करने वाली महिलाओं से संपर्क कर उन्हें आगे रखा, बिना अध्यक्ष की जानकारी/हस्ताक्षर के सुंदरकाण्ड की रसीद काटी, मंदिर पर रात में बोर्ड और ताला लगवाया और नगर-भर में यह अफवाह फैलाई कि ब्राह्मण समाज गीता भवन “खा” जाएगा (अर्थ: कब्जा कर लेगा)।
  • 11 अगस्त (झाबुआ) — ब्राह्मण समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य रूप से उस व्यक्ति/घटना पर आपत्ति जताई जो “चौराहे-चौराहे” जाकर ब्राह्मणों के खिलाफ भड़काने वाले शब्द बोल रहा है; प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकेश दवे (पंडित हरिओम दवे के पोते) ने भी वक्तव्य दिया। ब्राह्मण समाज ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि विवाद को “सनातन बनाम ब्राह्मण” का रंग देना गलत और भड़काऊ है। उन्होंने सार्वजनिक अपमान की निंदा की और भविष्य में सामाजिक बहिष्कार/कदम उठाने की चेतावनी भी दी। ब्राह्मण समाज ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी एक व्यक्ति का नाम आधिकारिक रूप से नहीं लिया।

दावे और प्रतिदावे

पंडित हरिओम दवे के आरोप (ट्रस्ट अध्यक्ष):

  • 50 वर्षों से ट्रस्ट के अध्यक्ष; ट्रस्ट इंदिरा बेटी जी द्वारा स्थापित।
  • कथित रूप से पद छोड़ना चाहते थे; उन्होंने नई पीढ़ी व हर समाज से प्रतिनिधि जोड़ने का प्रस्ताव रखा — उनके अनुसार जिसे महेश व कमल ने अस्वीकार किया।
  • प्रेस नोट में आगे आरोप लगाया कि कुछ लोग परिवारवाद व संपत्ति पर कब्जे की योजना बना रहे हैं।
  • आरोप कि निलेश हरसोला ने बिना अनुमति सुंदरकाण्ड की रसीद काटी, मंदिर पर ताला-बोर्ड करवाया और भजन मंडली को भड़काया।
  • आगे पंडित हरिओम दवे ने कहा कि उन्होंने ट्रस्ट की जमीन और गोशाला बचाने के लिए कानूनी लड़ाई की और कभी संपत्ति का दुरुपयोग नहीं किया।

हरसोला पक्ष (प्रतिक्रिया का सार):

  • निलेश हरसोला का कहना है कि वे इस विवाद से अलग हैं; ज्ञापन केवल बनाए गया था पर सनातन समाज की ओर से कोई ज्ञापन या पुलिस शिकायत नहीं की गई।
  • उन्होंने आगे कहा कि वे बाहर हैं और यह सनातन बनाम ब्राह्मण समाज का विषय हो गया है जो सनातन समाज निपटेगा।

ब्राह्मण समाज का फोकस (प्रेस कॉन्फ्रेंस):

  • मुख्य चिंता: एक (या कुछ) व्यक्ति नगर में जाकर बार-बार ब्राह्मणों का अपमान कर रहा है और लोगों को भड़काता रहा — यह घटना बहुत गंभीर और सामुदायिक तौर पर घातक कही गई।
  • ब्राह्मणों ने कहा कि विवाद मूलतः गीता भवन ट्रस्ट का था और शांति से सुलझाया जा सकता था; किन्तु कुछ लोगों ने इसे उकसाकर बड़ा बना दिया।
  • ब्राह्मणों समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी का औपचारिक नाम सार्वजनिक नहीं किया गया।

पंडित मोहित पुरोहित ने संतुलित और निष्पक्ष निराकरण के उद्देश्य से रखी महेश/कमल पक्ष की भी बात:

जगदीश मंदिर झाबुआ में आयोजित ब्राह्मण समाज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित पंडित मोहित पुरोहित ने कथित रूप से ब्राह्मण समाज पर आरोप लगाने वाले पक्ष की दलीलों की ओर भी सभा का ध्यान केंद्रित किया।

मोहित ने कहा कि मुझे प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्राह्मण समाज द्वारा गीता भवन परिसर में भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका विरोध होने पर एक व्यक्ति द्वारा हिंसा करने की बात कही गई। कहीं न कहीं इसके प्रति उत्तर में ब्राह्मणों के खिलाफ दुष्प्रचार का दौर प्रतिक्रिया स्वरूप चला।

उपस्थित ब्राह्मण समाजजनों का स्पष्टीकरण:

प्रतिवर्ष परशुराम जयंती की शोभायात्रा गीता भवन परिसर से ही निकली जाति है। केवल एक मूर्ति मातृ स्थापित करने के प्रस्ताव से ब्राह्मण समाज द्वारा किसी परिसर पर कब्जे की बात निंदनीय है एवं विकृत मानसिकता को दर्शाती है। किसी व्यक्ति द्वारा कही गई हिंसा की बात को ब्राह्मण समाज का आधिकारिक बयान बताना अपरिपक्वता का परिचायक है।

चर्चाओं के दौर में रामद्वारे का जिक्र भी निकाल जिसकी वैधता को लेकर गंभीर मंत्राणा का दौर चला।


अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • पंडित हरिओम दवे ने एक विस्तृत सूची देकर कहा कि वे ट्रस्ट में समाज के सदस्यों को शामिल कर रहे हैं — सूची में राठौड़, जैन, पोरवाल, माली, सोनी, लोहार, प्रजापत आदि समुदायों के नाम दिए गए (उदाहरण: नारायण जी राठौड़, बंशी भाई राठौड़, प्रकाश अग्रवाल, राजेश पोरवाल, जगदीश पोरवाल, कांति माली, रमेश सोनी, सुरेश पंचाल पार्षद, विनोद पंचाल, कांति प्रजापत इत्यादि)।
  • पंडित हरिओम दवे ने जोर देकर कहा कि वे पद छोड़ने के लिए स्वयं तैयार हैं, पर ट्रस्ट को परिवारवाद और वंशवाद की दृष्टि से संचालित नहीं होने देंगे।
  • पुलिस की स्थिति: अभी तक किसी भी पक्ष ने थाना में औपचारिक शिकायत/एफआईआर दर्ज करवाई नहीं है — मामला सार्वजनिक बयानों और सोशल मीडिया/मोबाइल संदेशों तक सीमित है।

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