सामाजिक/धार्मिक

‘आदिवासी धर्म रक्षा समिति’ के तत्वावधान में 25 दिसंबर का विशाल संत सम्मेलन

झाबुआ के ग्राम फूलधावडी में विशाल आदिवासी संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन आदिवासी धर्म रक्षा समिति द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन का उद्देश्य समस्त आदिवासी संतो को एक मंच पर लाकर आदिवासी समाज एवं संस्कृति का संरक्षण एवं समाज में प्रचलित कुरीतियों का उन्मूलन रखा गया। दोपहर 2:00 से भक्ति से सराबोर अलग-अलग भजन मंडलियों द्वारा ढोलक की धुन पर भजन गाए गए। सम्मेलन के अंतर्गत सत्संग का प्रारंभ दोपहर 2 बजे से किया गया। संत सभा में पांच हजार से अधिक श्रृद्धालुओं ने जिले के विभिन्न स्थलों से आए संतों के प्रवचनों का श्रावण किया।

संतों ने दिए प्रवचन

देदला से आए मुख्य अथिति संत गंगाराम महाराज द्वारा समाज को आध्यात्मिक ज्ञान से उद्बोधित किया गया। उनके द्वारा कहा गया कि जिस प्रकार शरीर का मेल मिटने के लिए नित्य स्नान आवश्यक है उसी प्रकार काम, क्रोध, लोभ आदि वैचारिक विकारों को मिटाने के लिए नित्य सत्संग एवं भक्ति आवश्यक है।

संत सम्मेलन में कानू महाराज सेमलिया बड़ा, लालू महाराज, कमल महाराज कोकावाड, नागरिया महाराज देवदा, मोगा महाराज पडलवा, जितेंद्र महाराज रायपुरिया, अनसिंह महाराज डूंगर धन्ना, रामदास महाराज संतरोड, सकरिया महाराज मुजालदा, नारायण महाराज थांदला, वरसिंह महाराज थांदला आदि द्वारा समाज को उद्बोधित किया गया। संतों द्वारा दैनिक जीवन के अनुभवों से जोड़कर आत्मा और परमात्मा के संबंध पर प्रकाश डाला गया।

भोजन प्रसादी

संत सम्मेलन का समापन होते होते संख्या में और अधिक वृद्धि होती चली गई। अनुमानित आठ हज़ार लोगों द्वारा भोजन प्रसादी ग्रहण की गई।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक भील भूमि समाचार

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