झाबुआ: बिना सहमति भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों का आक्रोश
भारतीय किसान संघ की सरकार को दो-टूक चेतावनी

झाबुआ, 17 फरवरी 2025 – भारतीय किसान संघ, मालवा प्रांत ने आवश्यकता-विहीन और अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। संघ ने स्पष्ट किया कि वे विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले विकास का समर्थन नहीं करेंगे। इसी के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए 6 प्रमुख मांगें रखीं।
किसानों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण मंजूर नहीं
भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाया कि इंदौर में आउटर रिंग रोड के लिए किसानों की सहमति के बिना जॉइंट सर्वे शुरू कर दिया गया है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। साथ ही, पिछले 12 वर्षों से गाइडलाइन नहीं बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाते हुए संघ ने मांग की कि हर साल 20% की दर से गाइडलाइन बढ़ाई जाए और नई गाइडलाइन के अनुसार किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए।
संघ ने सरकार से यह भी मांग की कि प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए, क्योंकि ये अपने उद्देश्य से भटककर भू-माफियाओं की तरह कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी सात-सूत्रीय गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। संघ ने इसे निरस्त करने और किसानों की आपत्तियों का निराकरण कर उन्हें संबंधित निर्णय की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की।
किसानों की चेतावनी – उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहें
संघ का कहना है कि जनहित के नाम पर अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसे नियंत्रित किया जाना चाहिए। जितनी भूमि अधिग्रहित की जा रही है, उतनी ही भूमि उसी पटवारी हल्के में किसानों को दी जाए। साथ ही, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 2013 के मूल अधिनियम के अनुसार होनी चाहिए।
भारतीय किसान संघ जिला प्रसार के राकेश भूरिया एवं तहसील अध्यक्ष पंकज सिंगर ने बताया कि भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन न्यायसंगत मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो वे तहसील स्तर पर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर वरदेसिंह पाटीदार, समनसिंह वसुनिया, प्रकाश डामोर एवं साथी उपस्थित रहे।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093