शासकीय सेवकों और पेंशनर्स की लंबित मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने किया मुख्यमंत्री से आग्रह

झाबुआ
शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, निगम-मंडल एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश के शासकीय सेवकों, निगम-मंडल कर्मचारियों और पेंशनर्स की लंबित 52 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में कर्मचारियों और पेंशनर्स की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए इन्हें जल्द से जल्द हल करने का अनुरोध किया गया है।
पुरानी पेंशन बहाली और वेतन विसंगतियों का समाधान प्रमुख मांग
मोर्चा के प्रांताध्यक्ष उदित सिंह भदौरिया ने बताया कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, पदोन्नति प्रक्रिया पुनः शुरू करने और केन्द्र के समान महंगाई भत्ते के एरियर समेत भुगतान जैसी मांगें मुख्य रूप से उठाई गई हैं। साथ ही, अनुकंपा नियुक्ति प्रक्रिया को सरल बनाने और लिपिक वर्ग की ग्रेड पे विसंगतियों को समाप्त करने की मांग पर जोर दिया गया है।
मोर्चा ने शिक्षकों और अतिथि विद्वानों की नियुक्ति में वरिष्ठता का लाभ, नवीन भर्ती में पूर्ण वेतनमान, और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते में समानता जैसे मुद्दों पर भी विचार करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को एक समान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
कर्मचारियों को संरक्षण और विशेष सुविधाएं देने की अपील
संयुक्त मोर्चा ने शासकीय सेवकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। इनमें शासकीय सेवकों की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने, सेवाकाल में हत्या होने पर 25 लाख रुपये मुआवजा और शहीद का दर्जा प्रदान करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
प्रांतीय संयोजक प्रमोद तिवारी और प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने कहा कि यदि सरकार इन मांगों को पूरा करती है, तो कर्मचारियों को लगेगा कि वे सरकार का अभिन्न अंग हैं। मोर्चा ने स्पष्ट किया कि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई न होने की स्थिति में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अंत में, जिला झाबुआ के अध्यक्ष अशोक चौहान ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से इस प्रयास में सहयोग देने की अपील की।
हिमांशु त्रिवेदी, समादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093