छात्र आंदोलन: डीएवीवी के खिलाफ प्रदर्शन किया, रिजल्ट में सुधार और सुविधाओं की मांग की
“छात्र आंदोलन: पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस झाबुआ के विद्यार्थियों ने डीएवीवी के खिलाफ प्रदर्शन किया, रिजल्ट में सुधार और सुविधाओं की मांग की”
झाबुआ – प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, झाबुआ के विद्यार्थियों ने एकजुट होकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के खिलाफ आज फिर से आंदोलन किया। छात्र नेता निलेश गणावा के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा उनके भविष्य से हो रहे खिलवाड़ पर नाराजगी व्यक्त की और कई मांगें उठाईं।
विद्यार्थियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर सात दिनों में उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि जिला प्रशासन और डीएवीवी का पुतला दहन भी किया जा सकता है, जिससे आंदोलन और तेज होगा।
छात्र आंदोलन वीडियो:
गणावा ने बताया कि डीएवीवी द्वारा रिजल्ट अपलोड किए जाने के बाद, छात्रों ने पहले ही दिन इसके खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया था। उनकी शिकायत थी कि कई छात्रों को उनकी उपस्थिति के बावजूद अनुपस्थित दर्शाया गया है। लेकिन इतने दिनों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। गणावा ने आरोप लगाया कि डीएवीवी का रवैया छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का रवैया जारी रहा तो विश्वविद्यालय के प्रति विद्यार्थियों का विश्वास टूट जाएगा, और नए छात्रों के प्रवेश में कमी आएगी, जिससे कॉलेज का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है।
छात्रों ने डीएवीवी से मांग की है कि सभी विद्यार्थियों के रिजल्ट को शीघ्र अपडेट किया जाए ताकि वे आगे की पढ़ाई और करियर में प्रगति कर सकें। इसके अलावा, विद्यार्थियों ने कॉलेज में समय पर पुस्तक और स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध न होने की भी शिकायत की और अनुरोध किया कि उन्हें पहचान पत्र के साथ बैग भी प्रदान किए जाएं। इस व्यवस्था से बाहरी व्यक्तियों की प्रवेश पर भी रोक लगेगी, जिससे विद्यार्थियों की सुरक्षा बनी रहेगी।
छात्र नेता विनोद गणावा ने बताया कि कॉलेज में बॉटनी की कक्षाएं आज तक शुरू नहीं हुई हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि आदर्श महाविद्यालय से एक प्रोफेसर को अटैच कर, पीजी कॉलेज में बॉटनी की कक्षाएं शुरू की जाएं।
इस आंदोलन में कार्यकर्ता सूर्य डामोर, अल्केश पारगी, अजय, रोहित, गणेश, खुशबू, नेहा, और मीनाक्षी सहित अन्य भी शामिल थे।
छात्रों का यह आंदोलन दर्शाता है कि वे अपने अधिकारों और भविष्य को लेकर जागरूक हैं और इसे लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार