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पुलिस पिता के पुत्र कपिल सिंह चौहान ने राज्य स्तरीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर किया जिले का नाम रोशन

झाबुआ जिले के होनहार खिलाड़ी कपिल सिंह चौहान, पुत्र श्री चंद्रभान सिंह चौहान (जिला जेल) ने मध्यप्रदेश राज्य किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। यह प्रतियोगिता 12 एवं 13 जुलाई 2025 को इंदौर पब्लिक स्कूल, मुख्य परिसर, इंदौर में आयोजित की गई थी।

यह राज्य स्तरीय आयोजन इंदौर जिला किक बॉक्सिंग संघ द्वारा संपन्न किया गया, जो मध्यप्रदेश शौकिया किक बॉक्सिंग संघ और वाको इंडिया किक बॉक्सिंग महासंघ से सम्बद्ध है। यह महासंघ भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, खेलो इंडिया, और विश्व किक बॉक्सिंग संगठन (WAKO) द्वारा मान्यता प्राप्त है।

कपिल सिंह चौहान, जिनकी जन्मतिथि 23 मई 2012 है, ने -47 किलोग्राम भार वर्ग एवं 13 वर्ष आयु वर्ग में भाग लिया तथा संगीतात्मक प्रदर्शन, रचनात्मक प्रदर्शन, पॉइंट फाइट, लाइट कॉन्टैक्ट और किक लाइट जैसे विभिन्न वर्गों में भाग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

प्रतियोगिता में विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पदक मध्यप्रदेश किक बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष श्री विनोद सोनाडवाले एवं महासचिव श्री अशुतोष दाधीच द्वारा प्रदान किए गए।

सीमित संसाधनों में उत्कृष्ट कोचिंग देने वाले कोच सूर्य प्रताप सिंह का महत्वपूर्ण योगदान

कोच सूर्यप्रताप सिंह

झाबुआ के प्रसिद्ध कोच श्री सूर्य प्रताप सिंह का इस उपलब्धि में अहम योगदान रहा है। वे कपिल सिंह चौहान सहित कई खिलाड़ियों को लगातार प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने सीमित संसाधनों में भी कठिन परिश्रम कर जिले के युवाओं को राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया है।

श्री सूर्य प्रताप सिंह झाबुआ की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए लगातार कार्यरत हैं। कपिल सिंह चौहान की इस सफलता के पीछे सूर्य प्रताप सिंह की कठोर प्रशिक्षण पद्धति और मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण स्थान है।

पिता चंद्रभान सिंह चौहान

कपिल वर्तमान में कैथोलिक मिशन स्कूल, झाबुआ कक्षा 8वी में अध्ययनरत हैं। उत्कृष्ट कोचिंग के साथ-साथ इस सफलता के पीछे उनके परिवार का अथक सहयोग और मार्गदर्शन है, विशेषकर उनके पिता श्री चंद्रभान सिंह चौहान का जिन्होंने बाल्यकाल से ही खेलों में रुचि जगाई।

कपिल की यह उपलब्धि झाबुआ जिले के लिए एक गर्व का क्षण है। आदिवासी बहुल जिले से राज्य स्तर तक पहुँच बनाना न केवल उनकी लगन और मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह संकेत भी है कि अगर उचित मार्गदर्शन और अवसर मिले तो ग्रामीण क्षेत्र का युवा भी हर क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकता है।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक, भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093

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