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धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता और खाद्य जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का ज्ञापन

धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता और खाद्य जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का ज्ञापन

झाबुआ, म.प्र. – अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने मुख्यमंत्री महोदय को खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट और धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की शुद्धता को लेकर एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रदेश में मिठाई की दुकानों और प्रसाद की दुकानों का नियमित निरीक्षण किया जाए और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में खाद्य जांच प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धि की जाए।

मुख्य बिंदु:

ज्ञापन में बताया गया है कि हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में अमानक सामग्री मिलने की घटना ने यह विषय और गंभीर बना दिया है। संगठन का कहना है कि इस तरह की मिलावट न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर भी आघात करती है। इसके समाधान के लिए मठ-मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास की दुकानों पर नियमित निरीक्षण आवश्यक बताया गया है, ताकि भक्तों में प्रसाद की शुद्धता का भरोसा कायम रह सके।

इसके अलावा, संगठन ने यह भी मांग की है कि पूरे मध्य प्रदेश में, विशेषकर भोपाल के अलावा अन्य स्थानों पर भी खाद्य पदार्थों के परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएं। वर्तमान में पूरे प्रदेश में केवल एक सरकारी प्रयोगशाला होने से समुचित जांच संभव नहीं हो पा रही है, जिससे मिलावट पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पाता।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने मुख्यमंत्री महोदय से इस ज्ञापन पर तत्काल कार्यवाही का अनुरोध किया है ताकि समाज को खाद्य मिलावट से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

इस अवसर पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के जिला संयोजक श्री सज्जनसिंह सिसोदिया, जिला अध्यक्ष श्री अखिल त्रिवेदी, जिला सचिव श्री आश्विन शर्मा, जिला उपाध्यक्ष श्री गणेश उपाध्याय, जिला कार्यकारी अध्यक्ष श्री मनीष कानूनगो, और सक्रिय सदस्य श्री बाबूलाल पांचाल एवं श्री नरेंद्र सिंह सोलंकी उपस्थित रहे।

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