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केशव इंटरनेशनल स्कूल बना आत्मनिर्भरता का केंद्र: छात्रों को सिखाए गए पारंपरिक और आधुनिक कौशल

केशव इंटरनेशनल स्कूल में आत्मनिर्भर भारत के तहत आयोजित एक अद्वितीय कार्यशाला ने छात्रों को आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक कौशलों से परिचित कराया। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना था, बल्कि उन्हें भारतीय पारंपरिक और आधुनिक कौशलों से जोड़ना भी था।

मुख्य प्रशिक्षक श्री ब्रजेश जी शुक्ला, जो शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के मध्य भारत प्रांत संयोजक हैं, ने कार्यशाला का नेतृत्व किया। उनके साथ अभिषेक जी मुद्गल और धर्मेश जी प्रजापति ने भी छात्रों को विभिन्न व्यावहारिक कौशल सिखाए।

प्रमुख गतिविधियाँ और प्रशिक्षण

कार्यशाला में छात्रों को कई रोचक और उपयोगी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें एलईडी बल्ब बनाना, कुम्हार चाक पर मिट्टी के उत्पाद तैयार करना, दीया बनाना और अगरबत्ती निर्माण शामिल था। इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को भारतीय हस्तकला और तकनीकी कौशल से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत में उपप्राचार्य जितेंद्र खतेड़िया ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। इसके बाद प्राचार्य शालू जैन ने स्कूल में आत्मनिर्भर भारत के तहत चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, जैसे गलसन माला, बांस के सामान और पिथोरा चित्रकला के बारे में जानकारी दी।

शिक्षा का उद्देश्य: समाज में सकारात्मक योगदान

विद्यालय के संचालक श्री ओम जी शर्मा ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं है, बल्कि बच्चों को इस प्रकार प्रशिक्षित करना है कि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।”

नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार

इस कार्यशाला ने छात्रों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित हुए। यह कार्यक्रम केवल एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और स्वावलंबन की ओर बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

केशव इंटरनेशनल स्कूल का यह प्रयास शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक मजबूत कदम है, जो छात्रों को न केवल पढ़ाई में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करता है।

हिमांशु त्रिवेदी, संपादक भील भूमि समाचार, Reg.MPHIN/2023/87093

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